किसान नेताओं ने बुलडोजर कार्रवाई टीम पर किया हमला, भारी पथराव से वाहन हुए क्षतिग्रस्त
भारतीय किसान यूनियन मंच के नेताओं ने नोएडा प्राधिकरण के कार्यक्षेत्र 9 और 10 की संयुक्त टीम पर हमला कर दिया, जो भूमि माफिया द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई ज़मीन पर बुलडोज़र कार्रवाई करने के लिए गई थी। इस दौरान भारी पत्थरबाजी हुई, जिससे बुलडोज़र और डंपर को नुकसान पहुँचा।
किसान नेताओं ने पुलिस और अधिकारियों को पीटा
इस हमले में किसान नेता सुरेंद्र प्रधान, आशीष चौहान, अशोक चौहान, कन्हैया जाटव, विमल त्यागी सहित 10-15 लोगों ने नोएडा प्राधिकरण की पुलिस टीम को धक्का-मुक्की की। इसमें पर्यवेक्षक विकास को जमीन पर फेंककर पीटा गया, जो कार्यक्षेत्र 10 के प्रबंधक वैभव नगर, जूनियर इंजीनियर सिद्धार्थ नगर और शेखर चौहान के सामने हुआ।
टीम ने 112 पर कॉल की, लेकिन पुलिस नहीं आई
जूनियर इंजीनियरों ने बचाव के लिए 112 नंबर पर कॉल की और पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस की कोई भी मदद नहीं आई। इसके बाद, प्राधिकरण की टीम को वहां से भागना पड़ा। टीम ने ज्ञान पार्क 3 पुलिस स्टेशन पहुंचकर शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन स्टेशन इंचार्ज मौजूद नहीं थे। इसके बाद टीम ने शिकायत पत्र सौंपा और अपनी परेशानियों के बारे में उच्च अधिकारियों को सूचित किया।
पुलिस ने हमला होने की बात नकारा
पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि प्राधिकरण की टीम ने स्थानीय पुलिस को बड़ौली गांव जाने की सूचना नहीं दी थी। उनके और किसान नेताओं के बीच मामूली विवाद हुआ था, लेकिन पुलिसकर्मियों पर कोई हमला नहीं हुआ। पुलिस ने कहा कि शिकायत मिलने पर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसान नेताओं ने हमले की घटना को नकारा
भारतीय किसान मंच के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक चौहान ने भी हमले की घटना को नकारा किया। कार्यक्षेत्र 10 के जूनियर इंजीनियर शेखर चौहान और सिद्धार्थ नगर ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा कि प्राधिकरण की टीम बड़ौली गांव में 8,700 वर्ग मीटर ज़मीन पर अवैध निर्माण को ढहाने गई थी। इस दौरान किसान यूनियन मंच के अधिकारी आकर कार्रवाई को रोकने की कोशिश करने लगे।
अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई पर विरोध
11 दिसंबर को जब यह कार्रवाई हो रही थी, तो भारतीय किसान यूनियन मंच के नेता सुरेंद्र प्रधान, सुधीर चौहान, कन्हैया जाटव, आशीष चौहान, अशोक चौहान और 20-25 अन्य लोग विरोध करने पहुंचे और कार्रवाई को रोकने की कोशिश की। उन्होंने अधिकारियों और पुलिस से अभद्र भाषा का प्रयोग किया और आसपास पड़े पत्थरों को उठाकर बुलडोज़र के कांच तोड़ने की कोशिश की। गुरुवार को भी इन नेताओं ने लाठियों से अधिकारियों को मारा।
भूमि की मुआवजा पहले ही दिया गया था
किसान की ज़मीन पर कार्रवाई की जा रही थी, जो चार एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैली हुई थी। इस ज़मीन का मुआवजा पहले ही किसान को दिया जा चुका है। हालांकि, किसान यूनियन मंच के नेताओं ने हमेशा इस प्रकार की कार्रवाई को रुकवाने की कोशिश की है।
मोहियापुर में कार्रवाई रोकने की कोशिश
बड़ौली में कार्रवाई के पहले, प्राधिकरण की टीम ने मोहियापुर गांव में भी अवैध निर्माण की कार्रवाई की थी। यहां 2,000 वर्ग मीटर ज़मीन से दीवार तोड़ी गई, जिसका मूल्य लगभग चार करोड़ रुपये है। इस कार्रवाई के बाद, एक आईएएस अधिकारी ने प्रबंधक को फोन कर कार्रवाई को रोकने की धमकी दी। इसके बाद प्रबंधक ने कहा कि अगर कार्रवाई रोकी गई तो अधिकारी का रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाएगा।
किसान यूनियन मंच के अधिकारी पहुंचे मोहियापुर
सूत्रों के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन मंच के अधिकारी मोहियापुर पहुंचे थे, ताकि वे आईएएस अधिकारी की ज़मीन पर हो रही कार्रवाई को रोक सकें, लेकिन प्रबंधक ने आईएएस अधिकारी का नाम उजागर करने से मना कर दिया।
नोएडा प्राधिकरण की टीम पर किसान नेताओं द्वारा किए गए हमले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि अवैध कब्जों के खिलाफ कार्रवाई करने में विरोध और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों ने इस मामले में पुलिस से मदद की कोशिश की, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिला। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाता है और क्या किसानों के इस विरोध को लेकर कोई ठोस कार्रवाई होती है।