फर्जी सब-इंस्पेक्टर शादाब ने पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों से पैसे वसूले, मजे के लिए बनाता था वीडियो
उत्तर प्रदेश के मंडी थाने की पुलिस ने एक फर्जी सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है, जो अपनी पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों से दान के नाम पर पैसे वसूल रहा था। यह मामला उस समय सामने आया जब मंडी पुलिस ने राजन लाइन, ढोलिखाल के निवासी मोहम्मद शादाब उर्फ अमन को पकड़ लिया। इस मामले ने न केवल पुलिस विभाग की छवि को धूमिल किया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग कानून के प्रति बेखौफ होकर उसका उल्लंघन करते हैं।
फर्जी सब-इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी
सोमवार को मंडी समिति रोड पर चेकिंग के दौरान, पुलिस ने मोहम्मद शादाब को पुलिस की वर्दी में पकड़ा। शुरुआत में पुलिस को स्थिति की गंभीरता का पता नहीं चला, लेकिन जब उसने एक ठेले पर पैसे के साथ वीडियो बनाते हुए देखा, तो पुलिस को संदेह हुआ। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़ लिया और थाने ले गई। शादाब के पास से इंस्पेक्टर की वर्दी, मोनोग्राम, कंधे का बैज, तारा और पी कैप क्राउन आदि सामान बरामद किए गए।
धोखाधड़ी की पूरी कहानी
गिरफ्तारी के दौरान शादाब ने पुलिस को बताया कि वह वर्दी पहनकर लोगों से पैसे वसूलता था और उन्हें धमकाता था। उसने कहा कि उसकी वर्दी के कारण कोई भी उसे संदिग्ध नहीं मानता था। वह अपनी हॉबी के लिए वीडियो बनाता था और पैसे वसूलने के दौरान अपने क्रियाकलापों का रिकॉर्ड भी रखता था। इस मामले में पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की धारा 205 के तहत मामला दर्ज किया है और उससे पूछताछ जारी है।
पुलिस की सख्ती और सुरक्षा उपाय
इस घटना के बाद, एडीजी मेरठ जोन ध्रुवकांत ठाकुर और DIG सहारनपुर अजय कुमार साहनी ने सोमवार शाम को अपराध की समीक्षा की। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और आगामी त्योहारों की सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पुलिस को स्थानीय नागरिकों के प्रति सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए और थानों में शिकायतकर्ताओं का सम्मान करना चाहिए।
पुलिस की छवि सुधारने का प्रयास
एडीजी ने पुलिस की छवि को सुधारने की आवश्यकता पर जोर दिया और पुलिसकर्मियों की बढ़ती संख्या में हमलों पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और स्थानीय निवासियों के साथ संवाद में पारदर्शिता बनाए रखें। इसके साथ ही, उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस थाने में शिकायतों की जांच तेजी से और निष्पक्षता से की जानी चाहिए।
त्योहारों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था
ADG और DIG ने सभी पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया कि छठ पूजा और गंगा स्नान महोत्सव की सुरक्षित समाप्ति हो। पुलिस को निर्देशित किया गया है कि वे न केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखें बल्कि त्योहारों के दौरान समाज में शांति और सद्भाव सुनिश्चित करें।
फर्जी सब-इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि पुलिस को अपनी जिम्मेदारियों का पूरी गंभीरता से पालन करना चाहिए। इस प्रकार की घटनाएँ न केवल समाज में अव्यवस्था फैलाती हैं, बल्कि पुलिस विभाग की छवि को भी धूमिल करती हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि पुलिस अपने कर्तव्यों का पालन करे और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
इस मामले ने समाज में जागरूकता की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है। लोगों को यह समझना चाहिए कि उन्हें कानून के प्रति सजग रहना चाहिए और ऐसे लोगों के खिलाफ शिकायत करनी चाहिए, जो गलत तरीके से अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रहे हैं। पुलिस और समाज के बीच बेहतर संवाद और सहयोग से ही हम इस तरह की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
इस प्रकार, मंडी पुलिस की इस कार्रवाई ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब बात कानून की होती है, तो कोई भी व्यक्ति इससे बच नहीं सकता। सभी को चाहिए कि वे कानून का सम्मान करें और किसी भी तरह के धोखाधड़ी से दूर रहें।