उत्तर प्रदेश

Meerut में नकली पेट्रोल-डीजल फैक्ट्री का भंडाफोड़, एक दिन की कमाई 6 लाख रुपये

मेरठ के गेजा गाँव में पुलिस ने एक बड़ी नकली पेट्रोल-डीजल फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। यह फैक्ट्री कई एकड़ में फैली हुई थी और यहाँ वास्तविक पेट्रोल-डीजल टैंकरों में मिलावट की जाती थी। जानकारी के अनुसार, इस धंधे से रोजाना लगभग छह लाख रुपये की कमाई की जा रही थी। पुलिस ने इस मामले में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें फैक्ट्री के मालिक मनीष और उसके सहयोगी शामिल हैं।

मामला कैसे उजागर हुआ?

मेरठ पुलिस को पिछले कुछ महीनों से मनीष के बारे में जानकारी मिल रही थी कि वह गेजा गाँव में मिलावटी तेल की फैक्ट्री चला रहा है। बुधवार को, पुलिस ने इस फैक्ट्री पर छापा मारा और इसे सील कर दिया। जब पुलिस मौके पर पहुँची, तो मनीष और उसके सहयोगियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें घेर लिया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में फैक्ट्री में काम कर रहे छह लोग और HPCL डिपो से टैंकर लाने वाले दो ड्राइवर शामिल हैं।

चोरी का खेल कैसे चलता था?

मनीष, जो पहले एक रासायनिक फैक्ट्री में काम करता था, ने यह योजना बनाई थी कि यदि डीजल में थोड़ी मात्रा में हाइड्रोकार्बन सॉल्वेंट या थिनर मिलाया जाए, तो कोई संदेह नहीं करेगा। उसने Meerut के डीजल-पेट्रोल गोदाम में काम करने वाले ड्राइवरों से संपर्क किया और उन्हें अपने प्लान में शामिल किया। ड्राइवर टैंकर लेकर मनीष के गोदाम पर पहुँचते थे, जहाँ पहले से ही सब कुछ तैयार होता था।

Meerut में नकली पेट्रोल-डीजल फैक्ट्री का भंडाफोड़, एक दिन की कमाई 6 लाख रुपये

जब लगभग 20,000 लीटर का टैंकर आता, तो 1,000 लीटर असली डीजल- पेट्रोल को हटा दिया जाता और उसके बराबर मिलावटी सॉल्वेंट डाल दिया जाता। फिर इस टैंकर को पेट्रोल पंप पर भेज दिया जाता। इस प्रक्रिया को तीन दरवाजों के माध्यम से किया जाता था ताकि किसी को भी शक न हो।

मनीष की पूर्वव्यक्ति और हालात

सूत्रों के अनुसार, मनीष पहले भी इस तरह के काम में गिरफ्तार हो चुका है। नकली पेट्रोल-डीजल के कारण लोगों की नई गाड़ियों के इंजन खराब हो रहे हैं। पुलिस ने यहाँ से 35,000 लीटर तेल जब्त किया है, जिसमें 12,000 लीटर पेट्रोल और 23,000 लीटर मिलावटी तेल शामिल हैं।

इस पूरे मामले की जाँच अब पार्टापुर पुलिस स्टेशन और आपूर्ति विभाग द्वारा की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि इस अवैध व्यापार में और कौन शामिल हैं। इस भंडाफोड़ ने यह दर्शाया है कि किस तरह से कुछ लोग सरकारी नियमों का उल्लंघन करते हुए आम जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ खेल रहे हैं।

इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की गतिविधियों को रोका जा सके। पुलिस और संबंधित विभागों को चाहिए कि वे मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और जनता को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाएँ।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d