सरकारी पैडी की बिक्री से करोड़ों का गबन: CBI ने पूछताछ के लिए फैक्ट्री मालिक को लिया हिरासत में

करोड़ों रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग से जुड़े एक बड़े मामले की जांच के लिए CBI बुधवार को संभल पहुंची। जांच का मुख्य केंद्र सरकारी धान की खरीद को फर्जी बैंक खातों के जरिए अवैध रूप से बेचना है। जांच के तहत कोतवाली के लाडम सराय इलाके में स्थित जींस फैक्ट्री मालिक से पूछताछ की जा रही है। इस घोटाले में कथित तौर पर संभल और मुरादाबाद दोनों जिलों के कई लोग शामिल हैं, जिनका फायदा फर्जी खातों के पीछे बैठे लोगों को मिल रहा है।
धोखाधड़ी के पीछे का मास्टरमाइंड
सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले का मास्टरमाइंड मुरादाबाद जिले का एक युवक है। युवक ने कथित तौर पर मुरादाबाद के महमूदपुर माफ़ी गांव के एक व्यक्ति को भर्ती किया और उसे सरकारी धान बेचने और फर्जी बैंक खातों के ज़रिए पैसे निकालने की योजना के बारे में बताया। इस योजना को अंजाम देने के लिए, विभिन्न व्यक्तियों के नाम से बैंक खाते खोलने की ज़रूरत थी। इन खातों का इस्तेमाल धान बेचने के बाद पैसे ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था, जिसे बाद में निकाल लिया जाता था। जिन व्यक्तियों के नाम से खाते बनाए गए थे, उन्हें अपने नाम से हो रहे अवैध लेन-देन के बारे में पता नहीं था।
जींस फैक्ट्री मालिक की भूमिका
महमूदपुर माफ़ी के एक व्यक्ति ने मदद के लिए अपने रिश्तेदार लाडम सराय में जींस फैक्ट्री के मालिक से संपर्क किया। दोनों ने मिलकर करीब 20 लोगों के बैंक खाते खुलवाए, जिनमें गरीब मजदूर भी शामिल थे, जिन्हें खाता खुलवाने के बदले कुछ रुपए दिए गए। फैक्ट्री मालिक ने इन खातों की पासबुक और एटीएम कार्ड अपने पास रख लिए। बाद में सरकारी धान बेचने से मिलने वाला पैसा इन खातों में ट्रांसफर कर दिया गया और फैक्ट्री मालिक ने पैसे निकाल लिए। कई खाताधारकों को अपने नाम से हो रहे लेन-देन की जानकारी ही नहीं थी।
CBI छापे और जांच प्रगति
बुधवार की सुबह सीबीआई की टीम संभल पहुंची और जींस फैक्ट्री मालिक के घर पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान उन्होंने बैंक डिटेल, पासबुक, एटीएम कार्ड और फैक्ट्री मालिक के मोबाइल फोन समेत कई अहम दस्तावेज जब्त किए। हालांकि जींस फैक्ट्री मालिक का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, लेकिन वह अपने रिश्तेदार के कहने पर इस घोटाले में शामिल हो गया। पुलिस और सीबीआई के अधिकारी अब मुख्य आरोपी मुरादाबाद निवासी की सरगर्मी से तलाश कर रहे हैं, जो फिलहाल फरार है। सीबीआई उन 20 लोगों से पूछताछ कर सकती है, जिनके खातों का इस्तेमाल धोखाधड़ी में किया गया था और यह भी जांच कर रही है कि क्या यह घोटाला संभल और मुरादाबाद जिलों से आगे तक फैला है। जांच में सरकारी अधिकारियों की संलिप्तता का भी पता चल सकता है, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, और भी खुलासे होने की उम्मीद है।