Earthquake In Hyderabad: हैदराबाद में भूकंप के झटकों से घबराए लोग, 5.3 तीव्रता दर्ज
4 दिसंबर, 2024 को सुबह 7:27 बजे तेलंगाना राज्य के मुलुगु जिले में 5.3 तीव्रता का भूकंप आया। यह भूकंप हैदराबाद और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी महसूस किया गया। भूकंप के झटकों ने लोगों में अफरा-तफरी मचा दी, हालांकि अब तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की खबर नहीं आई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) ने इस बारे में जानकारी दी।
भूकंप के झटके और स्थिति की समीक्षा
भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलने लगे, जिससे कुछ समय के लिए तनाव का माहौल बन गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि अब तक किसी भी प्रकार की जनहानि या बड़ी संपत्ति का नुकसान नहीं हुआ है। राज्य और जिले के अधिकारी स्थिति का आकलन कर रहे हैं और सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दे रहे हैं। विशेषज्ञों ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी है।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा जारी जानकारी
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) ने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई। भूकंप सुबह 7:27:02 IST पर आया था और इसकी गहराई 40 किमी थी। भूकंप का केंद्र मुलुगु, तेलंगाना में स्थित था। इसके साथ ही NCS ने भूकंप की स्थिति और स्थान की जानकारी भी दी।
तेलंगाना में भूकंप के बारे में नई जानकारी
ट्विटर पर एक उपयोगकर्ता, जो ‘तेलंगाना वेदरमैन’ के नाम से जाने जाते हैं, ने बताया कि पिछले 20 वर्षों में यह पहला ऐसा भूकंप है, जो 5.3 तीव्रता का था। उन्होंने कहा कि भूकंप के झटके तेलंगाना के विभिन्न हिस्सों में महसूस किए गए, जिनमें हैदराबाद भी शामिल है।
तेलंगाना में भूकंप की संभावना और स्थिति
तेलंगाना राज्य में भूकंप के झटके अपेक्षाकृत कम होते हैं क्योंकि यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टिकोण से कम सक्रिय माना जाता है। राज्य को भूकंपीय दृष्टिकोण से ‘जोन II’ में रखा गया है, जो कम तीव्रता वाले भूकंपों के लिए जाना जाता है। लेकिन इस घटना ने यह संकेत दिया है कि अब इस क्षेत्र में भूकंप की तीव्रता बढ़ सकती है।
भारत में कुल चार भूकंपीय क्षेत्र (सिकमिक जोन) हैं: जोन II, जोन III, जोन IV, और जोन V। जोन V में सबसे अधिक भूकंपीय गतिविधि होती है, जबकि जोन II में सबसे कम भूकंपीय गतिविधि होती है। तेलंगाना जोन II में स्थित है, जिसका मतलब है कि यहां भूकंप की तीव्रता अपेक्षाकृत कम होनी चाहिए।
भारत में भूकंपीय जोन का वितरण
भारत में भूकंपीय जोन के अंतर्गत कुल 59% भूमि क्षेत्र आता है, जो विभिन्न तीव्रताओं के भूकंपों के लिए संवेदनशील है। इनमें से 11% भूमि क्षेत्र जोन V में आता है, 18% जोन IV में, 30% जोन III में और बाकी का हिस्सा जोन II में स्थित है।
असम और जम्मू कश्मीर में भी भूकंप के झटके
इसके साथ ही, पिछले कुछ दिनों में अन्य स्थानों पर भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। 30 नवंबर 2024 को असम के कार्बी आंगलोंग में 2.9 तीव्रता का भूकंप आया था। इस भूकंप का केंद्र 25 किमी की गहराई पर था और इसका झटका रात के समय 2:40 बजे महसूस हुआ था।
वहीं, 28 नवंबर 2024 को जम्मू और कश्मीर में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र अफगानिस्तान में था, जिसकी गहराई 165 किमी थी। इस भूकंप में भी किसी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ, हालांकि इन घटनाओं से भूकंपीय गतिविधियों की बढ़ती संभावना को लेकर चिंता बढ़ गई है।
भूकंप के दौरान सुरक्षा उपाय
जब भी भूकंप का झटका लगे, तो सबसे जरूरी बात यह है कि लोग शांत रहें और तुरंत सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ें। भूकंप के दौरान इमारतों और अन्य संरचनाओं से दूर रहना चाहिए। घरों के भीतर रहने वाले लोग दरवाजों के पास या किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छिपने की कोशिश करें। भूकंप के बाद आने वाली आफ्टरशॉक्स (आंशिक झटके) से भी सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि ये भूकंप के बाद लगातार महसूस हो सकते हैं।
भूकंप के दौरान और उसके बाद नागरिकों को विशेषज्ञों द्वारा जारी की जाने वाली जानकारी का पालन करना चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार के हादसे से बचा जा सके।
तेलंगाना के मुलुगु जिले में 5.3 तीव्रता का भूकंप आने के बाद, यह एक संकेत है कि भारत के कई हिस्सों में भूकंपीय गतिविधि में वृद्धि हो सकती है। जबकि तेलंगाना जैसे कम भूकंपीय क्षेत्र में भूकंप दुर्लभ होते हैं, इस घटना ने हमें सतर्क रहने की आवश्यकता को महसूस कराया है। भूकंप से बचने के लिए सरकार और नागरिकों दोनों को आपसी सहयोग के साथ तैयार रहने की जरूरत है।