उत्तर प्रदेश

DPC बैठक में 12 साल सेवा वाले PCS अधिकारियों को 7,600 ग्रेड पे देने का निर्णय

उत्तर प्रदेश सरकार में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए सोमवार को आयोजित विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) की बैठक में 2008 बैच के PCS अधिकारियों के लिए नए ग्रेड पे की सहमति दी गई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने की, जिसमें यह तय किया गया कि जो PCS अधिकारी merit के आधार पर स्वच्छ तरीके से पदोन्नत होंगे, उन्हें नया ग्रेड पे दिया जाएगा। इसके अंतर्गत, 12 साल की सेवा पूरी कर चुके PCS अधिकारियों को अब 6600 रुपये के बजाय 7600 रुपये का ग्रेड पे मिलेगा।

राज्य के 2008 बैच के कुल 14 PCS अधिकारियों को IAS पद पर पदोन्नति देने की योजना है। इन अधिकारियों को जल्द ही IAS में प्रमोट किया जाएगा और साथ ही उन्हें ग्रेड पे में भी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा, 2011 और 2012 बैच के PCS अधिकारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया है, जिसमें उन्हें 12 साल की सेवा पूरी करने के बाद 7600 रुपये का ग्रेड पे दिया जाएगा। 2011 बैच में 22 PCS अधिकारी हैं, जबकि 2012 बैच में 47 PCS अधिकारी हैं।

यह निर्णय राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत का कारण बना है, क्योंकि ग्रेड पे में बढ़ोतरी से उनके वेतन में भी सुधार होगा। इसके साथ ही, अधिकारियों को यह भी विश्वास दिलाया गया है कि उनकी मेहनत और लगन को राज्य सरकार मान्यता दे रही है, और यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।

DPC बैठक में 12 साल सेवा वाले PCS अधिकारियों को 7,600 ग्रेड पे देने का निर्णय

IPS अधिकारी हिमांशु कुमार को बड़ी राहत, DIG पद के लिए रास्ता साफ

उत्तर प्रदेश के 2010 बैच के IPS अधिकारी हिमांशु कुमार को एक बड़ी राहत मिली है। मणिपुर में प्रतिनियुक्ति पर तैनात हिमांशु कुमार को भ्रष्टाचार के आरोपों में विभागीय जांच में बरी कर दिया गया है। इससे पहले, उन्हें Vigilance जांच में भी बरी किया जा चुका था। विभागीय जांच में उन्हें निर्दोष पाए जाने के बाद अब उन्हें DIG के पद पर पदोन्नति मिल सकती है।

वर्ष 2020 में, गौतम बुध नगर के तत्कालीन SSP वैभव कृष्णा ने हिमांशु कुमार, सुधीर कुमार, अजय पाल शर्मा, गणेश प्रसाद साहा और राजीव नारायण मिश्रा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। आरोप था कि ये अधिकारी स्थानीय पत्रकारों और बिल्डरों के साथ मिलकर अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग के बदले पैसे लेते थे। इसके बाद, सरकार ने मामले की जांच Vigilance को सौंप दी थी और विभागीय जांच शुरू की थी।

हिमांशु कुमार के अलावा, इस मामले में बाकी चार आईपीएस अधिकारियों को पहले ही बरी कर दिया गया है, और आरोप लगाने वाले SSP वैभव कृष्णा को भी DIG पद पर पदोन्नति मिल चुकी है। हिमांशु कुमार की विभागीय जांच में बरी होने के बाद अब उनके लिए DIG बनने का रास्ता साफ हो गया है। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिमांशु कुमार की फाइल अब गृह विभाग में भेजी जा चुकी है और जल्द ही उन्हें DIG के पद पर पदोन्नति मिल जाएगी।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि यदि अधिकारी कानून और नैतिकता के मुताबिक काम करते हैं तो उनके लिए पदोन्नति की राह हमेशा खुली रहती है। भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी होने के बाद, हिमांशु कुमार के लिए एक नई शुरुआत का समय है और उन्हें DIG के रूप में उच्चतम स्तर पर सेवा देने का अवसर मिलेगा।

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