Dimple Yadav ने BJP के बयान की निंदा की, कहा- संविधान के खिलाफ है BJP
समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद डिंपल यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। डिंपल यादव ने कहा कि भाजपा को अंबेडकर जी पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए और उन्होंने इसे पूरी तरह से निंदनीय बताया।
डिंपल यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा अंबेडकर जी के सिद्धांतों के खिलाफ है और पार्टी को यह समझना चाहिए कि देश बाबा साहेब के बताए गए मार्ग पर ही आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा, “भा.ज.पा. को यह समझना चाहिए कि बाबा साहेब के सिद्धांतों पर ही देश का विकास संभव है, और जिस प्रकार से बाबा साहेब का अपमान किया गया है, वह निंदनीय है। हम चाहते हैं कि भाजपा इस पर माफी मांगे।”
राहुल गांधी और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी चिंता व्यक्त की और आरोप लगाया कि अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया। कांग्रेस ने इस बयान को लेकर शाह की आलोचना की और उनका बयान उनकी पार्टी की विचारधारा के विपरीत बताया। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी से अंबेडकर जी के योगदान को नकारा जाता है, जो भारतीय संविधान के निर्माता हैं।
लालू यादव ने भी की अमित शाह के खिलाफ बयानबाजी
इसी बीच, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी अमित शाह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। लालू यादव ने शाह से इस्तीफा देने की मांग करते हुए कहा कि उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए। लालू ने कहा, “अमित शाह पागल हो गए हैं। उन्हें हमारे पूज्य बाबा साहेब से नफरत है। मैं इस टिप्पणी की कड़ी निंदा करता हूं।”
लालू प्रसाद ने यह भी कहा कि अमित शाह को कैबिनेट से इस्तीफा देना चाहिए और राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। उनका कहना था कि शाह ने जो टिप्पणी की, वह पूरी तरह से निंदनीय है और इससे अंबेडकर जी की मान्यता को ठेस पहुंची है।
अमित शाह की सफाई
अमित शाह ने अपनी टिप्पणी पर उठे विवाद को लेकर अपनी सफाई दी है। बुधवार को भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने कभी भी अंबेडकर जी का अपमान करने का इरादा नहीं किया था। उन्होंने कहा, “मैं उस पार्टी से आता हूं, जिस पार्टी और संस्कृति में बाबा साहेब के विचारों का सम्मान किया जाता है। मैंने कभी भी बाबा साहेब के विचारों को या अंबेडकर जी को सपने में भी अपमानित नहीं किया है।”
शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया और जनता को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने जानबूझकर उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया और उन्हें बदनाम करने की साजिश की।
भा.ज.पा. के रुख पर जोर
गृह मंत्री ने कहा कि भा.ज.पा. अंबेडकर जी के विचारों का सम्मान करती है और उनका अपमान करना उसके सिद्धांतों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि भा.ज.पा. इस मामले में कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर सकती है, यदि स्थिति और बिगड़ती है।
बाबा साहेब अंबेडकर की महत्ता पर बहस
यह विवाद तब शुरू हुआ जब शाह ने राज्यसभा में भारतीय संविधान के 75 वर्षों की यात्रा पर चर्चा करते हुए अंबेडकर जी का नाम लिया था। उनके बयान में शाह ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा था, “अब यह फैशन बन गया है – अंबेडकर, अंबेडकर… अगर आप भगवान का इतना नाम लेंगे तो सात जन्मों तक स्वर्ग में रहेंगे।”
कांग्रेस ने शाह के इस बयान को बाबा साहेब के प्रति अपमानजनक करार दिया और आरोप लगाया कि शाह ने अंबेडकर जी के विचारों का मजाक उड़ाया। इस बयान के बाद कई राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोला।
विपक्षी दलों का एकजुट होना
विपक्षी दलों ने शाह के बयान पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस मुद्दे ने भाजपा को मुश्किल में डाल दिया है, खासकर जब अंबेडकर जी के योगदान और उनके विचारों को लेकर विवाद खड़ा हुआ है।
अमित शाह के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं अभी भी जारी हैं, और विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश की है। डिंपल यादव, लालू यादव और कांग्रेस समेत अन्य नेताओं ने शाह के बयान को निंदनीय बताया है और उनसे माफी की मांग की है। वहीं, भाजपा ने इस विवाद में शाह की सफाई देते हुए यह स्पष्ट किया है कि वह कभी भी अंबेडकर जी के विचारों और योगदान का अपमान नहीं कर सकते।
इस मामले ने देश में बाबा साहेब अंबेडकर के योगदान और उनके विचारों को लेकर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है, और यह देखा जाना बाकी है कि यह विवाद राजनीतिक रूप से कैसे प्रभावित करता है।