भाटापारा लेबर कॉलोनी में मिली लाश—अशरेस पासवान की मौत ने मचाया हड़कंप!

छत्तीसगढ़ के भाटापारा स्थित सीमेंट प्लांट की मजदूर कॉलोनी में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक मजदूर का शव संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुआ। मृतक की पहचान झारखंड निवासी अश्रेस पासवान के रूप में हुई है जो 1 मई से लापता था। शव मिलने के बाद पूरे क्षेत्र में डर और बेचैनी का माहौल बन गया है। लोग यह समझ नहीं पा रहे कि यह कोई हादसा है या फिर किसी ने साजिश के तहत हत्या की है।
स्थानीय लोगों में आक्रोश और भय का माहौल
शव मिलते ही मजदूर कॉलोनी में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय मजदूरों और लोगों में भारी गुस्सा और डर देखा गया। लोगों ने प्लांट प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। मजदूरों का कहना है कि अगर सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होती तो शायद यह घटना नहीं होती। प्लांट में काम करने वाले कई मजदूरों ने बताया कि अश्रेस पासवान पिछले तीन दिनों से लापता था लेकिन प्लांट प्रबंधन ने उसकी तलाश में कोई सक्रियता नहीं दिखाई। इससे मजदूरों में नाराजगी और चिंता दोनों का माहौल बन गया है।
पुलिस जांच में जुटी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार
घटना की जानकारी मिलते ही सुहेला थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल इस मामले में किसी भी निष्कर्ष पर पहुँचना जल्दबाज़ी होगी। जांच सभी पहलुओं से की जा रही है और यदि यह हत्या का मामला है तो दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने मजदूर कॉलोनी और आसपास के इलाकों में पूछताछ शुरू कर दी है।
सीमेंट प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना के बाद सीमेंट प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठ गया है। मजदूरों का कहना है कि प्लांट में न तो सीसीटीवी कैमरे ठीक से काम करते हैं और न ही कोई सुरक्षा गार्ड गश्त करता है। मजदूरों की सुरक्षा को लेकर प्लांट प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है। अब प्रशासन और पुलिस दोनों ही जांच कर रहे हैं कि आखिर अश्रेस पासवान की मौत कैसे हुई और क्या इसमें प्लांट की कोई लापरवाही जिम्मेदार है। मजदूर संगठन भी इस मामले को लेकर आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं।