Damoh News: दमोह में पागल गीदड़ ने किया हमला, चार लोग घायल
Damoh News: दमोह जिले के तेजगढ़ रेंज के कौर्ता गांव में रविवार सुबह एक पागल गीदड़ ने चार लोगों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया। इस घटना में दो महिलाएं भी शामिल हैं, जो गीदड़ के हमले का शिकार हुईं। यह घटना गांव में हड़कंप मचा गई और लोग दहशत में आ गए।
घटना का विवरण
गांव में इस घटना की शुरुआत 70 वर्षीय हरिबाई से हुई, जो गांव के सरपंच सुरेंद्र सिंह की दादी हैं। वे अपने घर में बैठी हुई थीं, तभी अचानक पागल गीदड़ उनके घर में घुस आया और उन पर हमला कर दिया। इसके बाद, गीदड़ ने रतन सिंह आदिवासी के हाथ, पैर और मुंह पर भी वार किया। इसके अतिरिक्त, गीदड़ ने 16 वर्षीय अभिषेक, जो राजकुमार राय का बेटा है, और 42 वर्षीय अभिलाषा, जो राज बहादुर राय की पत्नी हैं, को भी घायल किया। अभिषेक के पैरों पर गीदड़ ने काट लिया, जिससे उसे गंभीर चोटें आईं।
गांववासियों के अनुसार, हरिबाई अपने घर में बैठकर कुछ कर रही थीं, और अभिषेक टीवी देख रहा था। अचानक पागल गीदड़ घर में घुस आया और उन पर हमला कर दिया। इस हमले ने पूरे गांव में अफरा-तफरी मचा दी। घायल लोगों को तुरंत जबेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
गांव में हड़कंप
इस घटना ने गांव में दहशत फैला दी है। पागल गीदड़ के हमले के बाद, गांव के लोग बहुत चिंतित हैं और उन्हें डर है कि फिर से ऐसा हमला हो सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से एक गीदड़ गांव के आसपास घूम रहा था, लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि वह पागल है। आमतौर पर गीदड़ गांव की तरफ नहीं आते हैं और नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, लेकिन इस बार की घटना ने सबको चौंका दिया है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जैसे ही पागल गीदड़ के हमले में घायल लोगों की जानकारी मिली, उप रेंजर चंद्र नारायण चौबे अस्पताल पहुंचे। उन्होंने घायल लोगों की स्थिति का जायजा लिया और वन्यजीवों के मुआवजे के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की बात की। यह सुनकर गांव वालों को थोड़ी राहत मिली, लेकिन चिंता अभी भी बनी हुई है।
प्रवीण राय, जो घायल लोगों के रिश्तेदार हैं, ने कहा कि गीदड़ गांव में लंबे समय से घूम रहा था, लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि वह पागल है। इससे पहले ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी, लेकिन अब यह हमला गांव वालों के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। उन्होंने तेजगढ़ रेंज के उप रेंजर से शिकायत की है और गांव में इस हमले के बाद दहशत का माहौल बना हुआ है।
सामाजिक प्रभाव
इस घटना ने गांव में एक महत्वपूर्ण मुद्दे को भी उजागर किया है, और वह है मानव-वन्यजीव संघर्ष। ऐसे मामलों में, जहां वन्य जीव इंसानों के साथ संपर्क में आते हैं, सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। इस प्रकार की घटनाओं से न केवल घायल व्यक्तियों को शारीरिक चोटें आती हैं, बल्कि यह उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती हैं।
गांव में अब इस बात की आवश्यकता है कि सभी लोग एक साथ मिलकर सुरक्षा उपायों पर चर्चा करें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। वन विभाग को भी इस मामले में सक्रिय रूप से आगे बढ़कर गांव वालों को सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूक करना चाहिए।
उपाय और सुझाव
- सामुदायिक जागरूकता: गांव में सभी को यह जानकारी होनी चाहिए कि पागल जानवरों से कैसे बचना है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
- सुरक्षा उपाय: गांव के आसपास बाड़ लगाने और पागल जानवरों की पहचान के लिए जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया: गांव में किसी भी आपात स्थिति के लिए एक आपातकालीन योजना बनानी चाहिए ताकि लोग जल्दी से सहायता प्राप्त कर सकें।
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वन विभाग की निगरानी: वन विभाग को इस प्रकार की घटनाओं की निगरानी करनी चाहिए और किसी भी पागल जानवर को गांव के आसपास नहीं आने देना चाहिए।