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Covid-19 की फिर हुई दस्तक! क्या नया JN.1 वेरिएंट भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है?

कोविड-19 जिसने 2019 से 2022 तक पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी वह एक बार फिर एशिया में धीरे-धीरे लौट रहा है। सिंगापुर और हांगकांग में पिछले कुछ हफ्तों में कोविड के सबसे ज्यादा केस दर्ज हुए हैं। भारत में भी पिछले हफ्ते कोरोना के कई नए केस सामने आए हैं। हालांकि सरकार का कहना है कि फिलहाल भारत में इससे कोई बड़ा खतरा नहीं है। लेकिन सवाल ये है कि ये नया वेरिएंट कौन सा है यह बाकी वेरिएंट्स से कितना अलग है और हमें क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। आइए जानते हैं विस्तार से।

फिलहाल भारत में कोविड-19 के 257 सक्रिय केस दर्ज किए गए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य केरल है जहां 95 एक्टिव केस हैं। इसके बाद तमिलनाडु में 66 और महाराष्ट्र में 56 केस सामने आए हैं। अन्य राज्यों में दिल्ली में 23, पुडुचेरी में 10, कर्नाटक में 13, गुजरात में 7, राजस्थान में 2, हरियाणा में 1, सिक्किम में 1 और पश्चिम बंगाल में 1 नया मामला दर्ज हुआ है। 12 मई से अब तक भारत में कुल 164 नए केस मिले हैं जिनमें केरल ने सबसे ज्यादा 69 नए संक्रमण दर्ज किए हैं। उसके बाद महाराष्ट्र में 44 और तमिलनाडु में 33 नए मामले सामने आए हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि इन मामलों में कोई गंभीरता या मृत्यु दर्ज नहीं हुई है।

Covid-19 की फिर हुई दस्तक! क्या नया JN.1 वेरिएंट भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकता है?

क्यों बढ़ रहे हैं कोविड के मामले?

कोविड-19 के मामलों के बढ़ने की मुख्य वजह लोगों की कमजोर होती इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता है। जब एंटीबॉडीज का स्तर धीरे-धीरे कम हो जाता है तो लोग दोबारा संक्रमित हो सकते हैं चाहे उन्होंने पहले संक्रमण झेला हो या उन्हें वैक्सीन लगी हो। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में बढ़ोतरी भी एक बड़ा कारण है जिससे वायरस दोबारा फैल रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोविड-19 का वर्तमान व्यवहार सीजनल फ्लू जैसा होता जा रहा है यानी यह अब हर साल लौट सकता है। हालांकि अच्छी बात ये है कि वैक्सीन गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में अब भी असरदार है भले ही संक्रमण पूरी तरह न रोक पाए।

नया JN.1 वेरिएंट और जरूरी सावधानियां

JN.1 वेरिएंट से संक्रमित लोगों में ज्यादातर मामूली लक्षण देखे जा रहे हैं जैसे सामान्य जुकाम या हल्का फ्लू। इसके लक्षणों में बुखार, बहती नाक, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और कभी-कभी हल्की पेट की समस्या जैसे मतली शामिल हैं। ये लक्षण सामान्यत: चार से पांच दिनों तक रहते हैं और फिर बिना किसी जटिलता के ठीक हो जाते हैं। अभी भारत में इस वेरिएंट से जुड़े ज्यादातर केस हल्के हैं और किसी तरह की गंभीरता या मौत की सूचना नहीं है। सावधानियों की बात करें तो भीड़भाड़ वाली जगहों या घर के अंदर मास्क पहनें खासकर अगर आपको सर्दी-जुकाम जैसा महसूस हो। हाथों को बार-बार धोकर साफ रखें। अगर संक्रमित हो जाएं तो मास्क लगाकर खुद को आइसोलेट कर लें ताकि परिवार और दोस्तों में संक्रमण न फैले।

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