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बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की चिंता या भारत के मामलों में दखल? – जानिए भारत का प्रतिक्रिया

भारत ने बांगलादेश के पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून में संशोधनों के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा पर टिप्पणी को कड़ी निंदा की है। भारत ने बांगलादेश को “अनावश्यक टिप्पणी” और “वर्चुअल सिग्नलिंग” करने के लिए फटकार लगाई और इसे सलाह दी कि वह अपनी ही धरती पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करें। बांगलादेश के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा था कि, “हम भारत सरकार और पश्चिम बंगाल से आग्रह करते हैं कि वे अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएं।”

भारत ने दिया कड़ा जवाब

भारत ने बांगलादेश की इस टिप्पणी का कड़ा जवाब दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने कहा कि बांगलादेश की टिप्पणी एक “साफ तौर पर छिपी हुई और अप्रत्यक्ष कोशिश” है जो भारत के अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों के मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बांगलादेश में अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि भारत के लिए बांगलादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर चिंता जाहिर करना स्वाभाविक है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले महीने संसद में बताया था कि 2024 में बांगलादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ 2,400 घटनाएं हुईं, जबकि 2025 में अब तक यह संख्या 72 तक पहुंच चुकी है।

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मुर्शिदाबाद में हालात और गवर्नर का दौरा

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा पर भारतीय सरकार का जवाब उस दिन आया जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद का दौरा करने की घोषणा की। राज्यपाल ने कहा कि वह “किसी भी कीमत पर शांति स्थापित करेंगे।” मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि स्थिति सामान्य हो रही है और उन्होंने राज्यपाल से अपना दौरा स्थगित करने का आग्रह किया।

हिंसा की शुरुआत और ताजा घटनाएं

राज्य रिपोर्ट के मुताबिक, 4 अप्रैल को जंगीपुर के पुलिस थानों में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रूप से शुरू हुआ था, लेकिन 8 अप्रैल को यह हिंसा में बदल गया जब उमरपुर में 5,000 लोगों का एक हुजूम ने एनएच-12 को अवरुद्ध कर दिया। पुलिस पर ईंटें, लोहे की छड़ें, धारदार हथियार और बम फेंके गए। सरकारी वाहन भी निशाने पर थे। 11 अप्रैल को सुती और शमशेरगंज में फिर से हिंसा हुई, जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस ने आत्मरक्षा में सुती के सजूर मोर में गोलीबारी की थी, ताकि अधिकारियों और नागरिकों की सुरक्षा की जा सके। अब तक पुलिस ने मुर्शिदाबाद में 278 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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