मध्य प्रदेश

15 वर्षीय बच्ची से छेड़ छाड़ की शिकायत, महिला का आरोप टी आई ने बेटी संग किया दुष्कृत्य

जिले में एक महिला द्वारा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आरोप लगाया गया कि पुलिस ने जानबूझकर उनके परिवार के सदस्यों को जेल भेजा और उनके खिलाफ झूठी कार्रवाई की। महिला का कहना है कि आरोपियों को उनके घर से नहीं बल्कि गांव के परिसर से गिरफ्तार किया गया था। इस आरोप ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं, क्योंकि महिला का दावा है कि कोई पुलिसकर्मी उनके घर नहीं गया था। इस मामले में महिला द्वारा किए गए आरोपों पर संदेह जताया जा रहा है, और कहा जा रहा है कि यह मामला केवल पुलिस पर दबाव बनाने का एक तरीका हो सकता है।

महिला की शिकायत और पुलिस की जांच

एसपी विवेक सिंह ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन जब शिकायत का गहराई से निरीक्षण किया गया तो यह पाया गया कि यह घटना 12 जून को गरह थाना क्षेत्र में घटी थी। उस दिन पुलिस टीम ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए गांव में छापा मारा था, जहां पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी की गई और उनके साथ जानलेवा हमले की कोशिश की गई थी।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियाँ

इस घटना के बाद, कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 353 (पुलिसकर्मियों के कार्य में बाधा डालना) सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें से कुछ को जमानत मिल गई है जबकि कुछ अब भी जेल में हैं। महिला द्वारा उठाए गए आरोपों के बावजूद, पुलिस का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी वैध थी और यह घटना उस समय की है जब पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था।

आरोपी अभी भी जेल में, महिला द्वारा झूठी शिकायत पर गंभीर आरोप

महिला का संबंध आरोपी परिवार से होने की संभावना

एसपी विवेक सिंह ने यह भी कहा कि प्राथमिक जांच से यह लगता है कि शिकायतकर्ता महिला आरोपी परिवार की सदस्य हो सकती है, जो पुलिस पर आरोप लगाने के जरिए अपने परिवार के पक्ष में दबाव डालने की कोशिश कर रही है। हालांकि, इस मामले की पूरी जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि क्या आरोप सही हैं और यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

जांच के बाद ही सामने आएगा सच

इस मामले में पुलिस अब पूरी जांच करने का वादा कर रही है। एसपी ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता। महिला की शिकायत और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बीच अंतर स्पष्ट होने के लिए जांच की आवश्यकता है। अगर जांच के दौरान यह पाया गया कि किसी भी पुलिसकर्मी ने गलत तरीके से कार्रवाई की है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

दबाव और आरोपों के बीच सही कार्रवाई की आवश्यकता

एसपी विवेक सिंह ने यह भी बताया कि इस तरह के आरोपों का उद्देश्य केवल पुलिस पर दबाव डालने का हो सकता है। अगर जांच में यह पाया जाता है कि कोई भी पुलिसकर्मी दोषी है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी, लेकिन इस समय सब कुछ जांच के परिणामों पर निर्भर करता है।

यह मामला अब पुलिस की जांच का विषय बन गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के पीछे की सच्चाई, महिला के आरोपों की वास्तविकता और पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की वैधता की पूरी जानकारी जांच के बाद ही सामने आ सकेगी। अगर किसी भी पुलिसकर्मी ने अनुशासनहीनता की है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अब यह देखना होगा कि मामले की जांच में क्या नया सामने आता है और क्या महिला द्वारा लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं या नहीं।

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