श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी महंत सत्येन्द्र दास का निधन, मुख्यमंत्री योगी ने व्यक्त की शोक संवेदनाएं
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श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येन्द्र दास का बुधवार, 12 फरवरी को निधन हो गया। 87 वर्षीय महंत दास को रविवार, 9 फरवरी को उनके स्वास्थ्य में गिरावट के बाद SGPGI, लखनऊ में भर्ती कराया गया था। उन्हें ‘ब्रेन स्ट्रोक’ की समस्या आई थी, और इसके साथ ही वह डायबिटीज और उच्च रक्तचाप के भी मरीज थे। अस्पताल के एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि महंत सत्येन्द्र दास जी का निधन आज हुआ। उन्हें 3 फरवरी को न्यूरोलॉजी वार्ड के HDU में भर्ती किया गया था, जहां उनकी स्थिति गंभीर थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
महंत सत्येन्द्र दास के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शोक संदेश जारी करते हुए लिखा, “आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के प्रमुख पुजारी, श्री अयोध्या धाम के परम राम भक्त का निधन अत्यंत दुखद है और यह आत्मिक दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति है। शोक संतप्त श्रद्धांजलि!”
महंत सत्येन्द्र दास ने कब शुरू की थी पुजारी की जिम्मेदारी?
महंत सत्येन्द्र दास ने 20 वर्ष की आयु में आध्यात्मिक जीवन अपनाया था और 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय वह अस्थायी राम मंदिर के पुजारी थे। महंत सत्येन्द्र दास, जो राम मंदिर के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य पुजारी थे, को अयोध्या और इसके आसपास के क्षेत्रों में अत्यधिक सम्मान प्राप्त था। उन्होंने अपने जीवन के कई दशक राम मंदिर के लिए समर्पित किए।
परम रामभक्त, श्री राम जन्मभूमि मंदिर, श्री अयोध्या धाम के मुख्य पुजारी आचार्य श्री सत्येन्द्र कुमार दास जी महाराज का निधन अत्यंत दुःखद एवं आध्यात्मिक जगत की अपूरणीय क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि!
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दे…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) February 12, 2025
अयोध्या के सबसे सुलभ संत थे महंत सत्येन्द्र दास
महंत सत्येन्द्र दास Nirvani Akhara से जुड़े थे और अयोध्या के सबसे सुलभ संतों में से एक माने जाते थे। वह हमेशा मीडिया के प्रतिनिधियों से मिलते और अयोध्या व राम मंदिर से जुड़ी घटनाओं और विकासों के बारे में जानकारी देने के लिए उपलब्ध रहते थे। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भी उन्होंने चुप्पी नहीं साधी, बल्कि मीडिया के सवालों का धैर्यपूर्वक जवाब दिया और राम मंदिर आंदोलन के भविष्य पर भी प्रकाश डाला।
महंत दास ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद भी प्रमुख पुजारी के रूप में अपनी जिम्मेदारियां निभाई। उन्होंने अस्थायी तंबू के नीचे जब रामलला की मूर्ति स्थापित की गई थी, तो उस पूजा को भी स्वयं किया। उनका विश्वास और समर्पण राम मंदिर के प्रति कभी कमजोर नहीं हुआ और उन्होंने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि राम मंदिर की प्रतिष्ठा केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखती है।
महंत सत्येन्द्र दास का योगदान और पहचान
महंत सत्येन्द्र दास की पहचान सिर्फ अयोध्या में नहीं, बल्कि पूरे देश में थी। वह राम मंदिर आंदोलन के प्रतीक बने और उनकी भूमिका उस समय काफी महत्वपूर्ण रही जब राम मंदिर के निर्माण को लेकर देशभर में विवाद चल रहे थे। वह सदैव यह मानते थे कि राम मंदिर के निर्माण से न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति स्थापित होगी। उन्होंने राम मंदिर के निर्माण के लिए वर्षों तक संघर्ष किया और आज उनके निधन से देश ने एक महान संत और समाज के प्रति समर्पित व्यक्ति को खो दिया है।
महंत सत्येन्द्र दास का आध्यात्मिक जीवन
महंत सत्येन्द्र दास का जीवन सरल और तपस्वी था। वह अपनी साधना में गहरे थे और हमेशा राम के नाम के जप में लीन रहते थे। वह राम के उपासक थे और उनका जीवन पूरी तरह से राम के भक्ति और सेवा में समर्पित था। उनके सरल स्वभाव और दीन-दुखियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता ने उन्हें अयोध्या के श्रद्धालुओं के बीच एक प्रिय व्यक्ति बना दिया था।
राम मंदिर के निर्माण में भूमिका
राम मंदिर के निर्माण को लेकर उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हमेशा अपनी आवाज उठाई और इस आंदोलन को धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सही बताया। बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय, जब देशभर में उथल-पुथल मची हुई थी, तब भी महंत सत्येन्द्र दास ने राम मंदिर के निर्माण के लिए अपने संघर्ष को जारी रखा और राम लला की पूजा करते रहे।
समाज और धार्मिक क्षेत्र में योगदान
महंत सत्येन्द्र दास ने न सिर्फ धार्मिक कार्यों में योगदान दिया, बल्कि समाज में धार्मिक जागरूकता फैलाने का भी कार्य किया। उनकी उपस्थिति अयोध्या में हमेशा एक शक्ति के रूप में रही और उन्होंने राम के प्रति श्रद्धा और भक्ति की भावना को सशक्त किया। उनके द्वारा किए गए कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा और आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को सलाम करेंगी।
निधन पर श्रद्धांजलि
महंत सत्येन्द्र दास के निधन से अयोध्या और पूरे देश ने एक महान संत को खो दिया है। उनका योगदान न केवल राम मंदिर के निर्माण के लिए याद किया जाएगा, बल्कि उनके द्वारा दिखाए गए आध्यात्मिक और धार्मिक जीवन के आदर्शों को भी हमेशा सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई अन्य नेताओं और संतों ने महंत सत्येन्द्र दास के निधन पर शोक व्यक्त किया है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
महंत दास की सेवा और उनके जीवन के प्रति श्रद्धा अयोध्या में हमेशा जीवित रहेगी। उनका योगदान धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अमूल्य रहेगा, और उनका नाम हमेशा राम जन्मभूमि मंदिर से जुड़ा रहेगा।