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Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच पोस्टर वार, क्या यह राजनीतिक रणनीति है?

Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ की राजनीतिक सीन में हाल ही में फिर से पोस्टर वार की बयार चली है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है। भाजपा ने राजीव शुक्ला, रंजीत रंजन और केटीएस तुलसी जैसे कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों के ‘गायब’ होने के पोस्टर जारी किए हैं। इस कदम के माध्यम से भाजपा ने कांग्रेस के नेताओं को कटाक्ष करने का प्रयास किया है और छत्तीसगढ़ियों के अधिकारों के ‘उजाले’ का दावा किया है।

भाजपा का आरोप

भाजपा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्टर जारी करते हुए लिखा, “वह लोग जो छत्तीसगढ़ियों के अधिकारों को हड़प रहे हैं, वे कांग्रेस के सांसद हैं। गायब जनता के साथ-साथ कांग्रेस कार्यकर्ता भी उनकी तलाश कर रहे हैं। अगर किसी को वे मिलें, तो राजीव भवन, रायपुर से संपर्क करें।” भाजपा के इस आरोप ने राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है।

भाजपा का यह कदम चुनावी रणनीति के तहत देखा जा रहा है, जो कांग्रेस के प्रति लोगों के मन में नकारात्मकता पैदा करने की कोशिश कर रहा है। यह पोस्टर वार विधानसभा चुनावों के बाद शुरू हुआ है, जब भाजपा ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ व्यंग्यात्मक पोस्टर जारी किए थे।

कांग्रेस का प्रतिवाद

इस पर कांग्रेस ने भी तुरंत प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, “राज्य में भाजपा के खिलाफ एक माहौल बना हुआ है। ऐसी स्थिति में भाजपा नए षड्यंत्र रच रही है ताकि लोगों का ध्यान मुद्दों से हटा सके। लोग पूछ रहे हैं कि ये तीन कांग्रेस सांसद कहां गायब हैं?”

Chhattisgarh Politics: छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और भाजपा के बीच पोस्टर वार, क्या यह राजनीतिक रणनीति है?

उन्होंने यह भी कहा कि ये सांसद छत्तीसगढ़ के मुद्दों को उठाते रहे हैं और भाजपा सरकार को चुनौती देते रहे हैं। शुक्ला ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे राज्य के कानून-व्यवस्था की स्थिति पर जवाब देने के बजाय ऐसे पोस्टर जारी कर रहे हैं।

भाजपा का पोस्टर वार

भाजपा का यह हमला कोई नया नहीं है। पिछले कुछ समय से भाजपा कांग्रेस के नेताओं, खासकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर कटाक्ष करने के लिए कार्टून पोस्टर्स का सहारा ले रही है। विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने भूपेश बघेल के राजनंदगांव दौरे के बाद सोशल मीडिया पर कहा, “राजनंदगांव या जिहादगांव, चुनाव आपका है।”

इस तरह के पोस्टर्स ने भाजपा और कांग्रेस के बीच तल्खी को और बढ़ा दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा अपनी खोई हुई स्थिति को सुधारने के लिए इस तरह की रणनीति अपना रही है।

राजनीतिक माहौल की स्थिति

छत्तीसगढ़ में राजनीतिक माहौल इस समय काफी गर्म है। भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने-अपने तरीके से एक-दूसरे को टारगेट कर रहे हैं। विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा ने कांग्रेस के नेताओं को निरंतर अपने हमलों का निशाना बनाया है। इससे स्पष्ट होता है कि राजनीतिक पार्टियों के बीच वार-पोस्टर की यह लड़ाई केवल एक राजनीतिक रणनीति नहीं, बल्कि एक तरीके का संवाद भी है।

क्या है छत्तीसगढ़ के मुद्दे?

छत्तीसगढ़ में कई मुद्दे हैं, जिन पर कांग्रेस और भाजपा दोनों को ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति, बेरोजगारी, कृषि संकट, और आदिवासी अधिकारों की सुरक्षा जैसे मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों को एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप करने के बजाय इन मुद्दों पर विचार करना चाहिए।

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