छत्तीसगढ

छत्तीसगढ़ नान घोटाला: 2 रिटायर्ड IAS और पूर्व एडवोकेट जनरल के खिलाफ केस दर्ज, जानिए पूरा मामला

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाले में राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने 2 सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारियों और राज्य के पूर्व एडवोकेट जनरल के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर जांच और सुनवाई को प्रभावित करने के आरोप में मामला दर्ज किया है। यह घोटाला करोड़ों रुपये का है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम (नान) से संबंधित मामलों की जांच के दौरान भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ। बताया गया है कि तीनों अधिकारी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान पदस्थ थे। EOW के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट और दस्तावेजों के आधार पर सोमवार को FIR दर्ज की गई है।

‘जांच में रुकावट डालने का प्रयास’

EOW अधिकारी के अनुसार, तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। FIR में कहा गया है कि राज्य के ACB/EOW और ED द्वारा नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले में दर्ज मामलों के आधार पर आयकर विभाग ने कुछ डिजिटल सबूत एकत्र किए हैं, जिसमें व्हाट्सएप चैट्स शामिल हैं। इन चैट्स में स्पष्ट रूप से देखा गया है कि आरोपी न केवल ED की जांच में रुकावट डालने का प्रयास कर रहे थे, बल्कि राज्य के अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों के साथ मिलकर ACB/EOW की जांच को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहे थे। यह मामला रायपुर की विशेष अदालत में लंबित है।

‘सरकार के कार्यों में भारी हस्तक्षेप’

FIR में यह भी कहा गया है कि अलोक शुक्ला 2018 से 2020 के बीच छत्तीसगढ़ राज्य सरकार में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत थे, वहीं अनिल तुतेजा 2019 से 2020 के बीच संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे। इसी दौरान सतिश चंद्र वर्मा छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में राज्य के एडवोकेट जनरल के पद पर थे। FIR के अनुसार, 2018 से 2023 के बीच ये अधिकारी कांग्रेस शासन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका में आ गए थे और उन्होंने राज्य की नीति निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में हस्तक्षेप किया।

‘अधिकारियों पर था पूरा नियंत्रण’

FIR में आरोप लगाया गया है कि ये अधिकारी सरकार के सबसे शक्तिशाली अधिकारियों में से थे और उनकी सीधी पहुंच सभी महत्वपूर्ण पदों पर पोस्टिंग और ट्रांसफर तक थी। इसके अनुसार, ऐसा कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ सरकार की पूरी नौकरशाही उनके नियंत्रण में थी, और अपनी पसंद के अधिकारियों को मनचाही पोस्टिंग देना भी उनके नियंत्रण में था। इस प्रकार, राज्य सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर तैनात अधिकारियों पर उनका प्रभाव था और उन पर उन्होंने अपने पदों का दुरुपयोग कर अनुचित नियंत्रण स्थापित किया।

छत्तीसगढ़ नान घोटाला: 2 रिटायर्ड IAS और पूर्व एडवोकेट जनरल के खिलाफ केस दर्ज, जानिए पूरा मामला

नान घोटाले का क्या है पूरा मामला?

नान घोटाला छत्तीसगढ़ का बहुचर्चित मामला है, जिसमें राज्य के नागरिक आपूर्ति निगम के अंतर्गत करोड़ों रुपये के गबन और भ्रष्टाचार का आरोप है। इस घोटाले में सरकारी अधिकारी और कुछ अन्य लोग शामिल बताए गए हैं जिन्होंने नागरिक आपूर्ति विभाग में व्यापक भ्रष्टाचार करते हुए अनाज और अन्य सामानों की आपूर्ति में हेरफेर किया। ED और EOW की संयुक्त जांच में यह खुलासा हुआ कि सरकारी अधिकारियों ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया और अपने निजी हितों के लिए सरकारी प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया।

डिजिटल साक्ष्य और आरोप

इस मामले में, EOW और आयकर विभाग ने डिजिटल साक्ष्य जैसे व्हाट्सएप चैट्स और अन्य दस्तावेज एकत्र किए हैं, जिनसे पता चलता है कि आरोपी अधिकारियों ने जांच प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश की। इस प्रकार के साक्ष्य आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत के रूप में माने जा रहे हैं और यह दर्शाते हैं कि किस प्रकार वे अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे थे। इसके अलावा, आरोपी अधिकारियों की वरिष्ठता और उनके सरकारी पदों के कारण, उन्हें अन्य अधिकारियों पर अनुचित नियंत्रण प्राप्त था, जिसका दुरुपयोग उन्होंने अपने हितों के लिए किया।

FIR में आरोपों का विवरण

FIR में विस्तार से बताया गया है कि किस प्रकार से अनिल तुतेजा और आलोक शुक्ला ने अपने पदों का दुरुपयोग किया और नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले की जांच में बाधा डाली। आरोप है कि इन अधिकारियों ने न केवल जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया, बल्कि जांच में हस्तक्षेप कर अन्य अधिकारियों को अपने पक्ष में करने का प्रयास भी किया। इसके लिए उन्होंने राज्य के अन्य नौकरशाहों और संविधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के साथ साठगांठ की।

अदालती प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई

रायपुर की विशेष अदालत में यह मामला वर्तमान में लंबित है, और जांच एजेंसियों ने पुख्ता सबूत के आधार पर इस मामले में कार्रवाई की योजना बनाई है। EOW और ED की जांच अभी भी जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि आगामी दिनों में अन्य महत्वपूर्ण खुलासे भी सामने आ सकते हैं।

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