छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में बड़ा खुलासा, फरार विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया

छत्तीसगढ़ में लगभग 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच कर रही एसीबी ने रविवार 1 जून को बड़ी कार्रवाई की। एसीबी टीम ने इस मामले के मुख्य आरोपी और शराब कारोबारी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। विजय भाटिया लंबे समय से फरार था और एसीबी की वांछित सूची में शामिल था। कई बार छापेमारी के दौरान वह पुलिस की पकड़ से बच निकला था, लेकिन इस बार एसीबी ने उसे दिल्ली में उसके छिपने के ठिकाने से पकड़ कर रायपुर लाना शुरू कर दिया है। इस बार एसीबी ने उसे भागने का कोई मौका नहीं दिया।
विजय भाटिया को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के करीबी माना जाता है। इससे पहले भी ईओडब्ल्यू, एसीबी और ED की टीमों ने नेहरू नगर में विजय भाटिया के ठिकानों पर तीन बार छापेमारी की थी, लेकिन वह हर बार बच निकला था। इस बार दिल्ली से गिरफ्तारी होने के बाद इस घोटाले के बड़े हिस्से का पर्दाफाश होने की उम्मीद बढ़ गई है। विजय भाटिया की गिरफ्तारी से इस शराब घोटाले के पीछे की गुत्थी सुलझाने में मदद मिलेगी।
2000 करोड़ का नुकसान और जांच में सामने आई बड़ी बातें
यह शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच सरकारी शराब दुकानों के जरिए अवैध शराब बिक्री से जुड़ा है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में पता चला है कि छत्तीसगढ़ सरकार को इस घोटाले से 2000 करोड़ रुपये से अधिक का बड़ा नुकसान हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, उस वक्त के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल में आईएएस अधिकारी अनिल तुतेजा, एक्साइज विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और अनवर ढेबर ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया। इन लोगों पर राज्य में शराब के अवैध वितरण से भारी लाभ कमाने का आरोप है।
ED की कार्रवाई और कावसी लखमा की गिरफ्तारी
28 दिसंबर 2024 को ED ने इस मामले में कावसी लखमा के आवास और अन्य जगहों से महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए थे। ये सबूत इस घोटाले की कमाई को साबित करने वाले थे। इसके बाद 15 जनवरी 2025 को कावसी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया। वह वर्तमान में रायपुर केंद्रीय जेल में बंद है। इस गिरफ्तारी के बाद से जांच और तेज हो गई है और विजय भाटिया की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ के इस बड़े शराब घोटाले में सरकार और जांच एजेंसियों की साख मजबूत की है।