छत्तीसगढ

Chhattisgarh को मिला देश का 56वां टाइगर रिजर्व, गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व घोषित

छत्तीसगढ़ ने वन्यजीव संरक्षण और हरित भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। गुरु घासीदास-तमोरपिंगला क्षेत्र को देश का 56वां टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। इस नए टाइगर रिजर्व से न केवल बाघों के संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि यह वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवास के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके माध्यम से जैव विविधता को संरक्षित करते हुए एक हरित और उज्जवल भविष्य की नींव रखी जाएगी।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और पर्यावरण मंत्री को किया धन्यवाद

इस ऐतिहासिक कदम पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व छत्तीसगढ़ को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। यह न केवल राज्य के पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को सशक्त करेगा, बल्कि पर्यटन और सतत विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।

गुरु घासीदास नेशनल पार्क का नामकरण

गुरु घासीदास नेशनल पार्क के नाम को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। अब सरकार ने 18 नवंबर को एक अधिसूचना जारी कर इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया है। इस पार्क को अब गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाएगा। लंबे इंतजार के बाद इसे टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला है।

देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व

गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व 2829.387 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है, जो इसे देश का तीसरा सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व बनाता है। आंध्र प्रदेश का नागार्जुनसागर श्रीसैलम टाइगर रिजर्व 3296.31 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र के साथ देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। वहीं असम का मानस टाइगर रिजर्व 2837.1 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल के साथ दूसरे स्थान पर है।

Chhattisgarh को मिला देश का 56वां टाइगर रिजर्व, गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व घोषित

वन्यजीवों का प्रिय स्थान

गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व जैव विविधता का एक प्रमुख केंद्र है। यह क्षेत्र कई स्थायी नदियों का उद्गम और बहाव क्षेत्र होने के कारण वन्यजीवों के लिए प्रिय स्थान है। इस टाइगर रिजर्व के अस्तित्व में आने के बाद बाघों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद है। नया टाइगर रिजर्व बाघों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनके प्राकृतिक आवास को भी संरक्षित करेगा।

छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में वृद्धि

छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए टाइगर रिजर्व का अस्तित्व बहुत महत्वपूर्ण था। इस नए टाइगर रिजर्व के साथ राज्य में बाघों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यह कदम न केवल बाघों की संख्या बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि क्षेत्र में अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण में भी सहायक होगा।

पर्यटन और सतत विकास को मिलेगा बढ़ावा

गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व के गठन से पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा। टाइगर रिजर्व में आने वाले पर्यटकों के लिए विभिन्न वन्यजीवों के दर्शन और प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव होगा। इससे न केवल छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा, बल्कि राज्य में सतत विकास के प्रयासों को भी समर्थन मिलेगा।

गुरु घासीदास-तमोरपिंगला टाइगर रिजर्व का गठन छत्तीसगढ़ के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण कदम है। यह कदम न केवल बाघों के संरक्षण के लिए अहम है, बल्कि राज्य में वन्यजीवों और उनके प्राकृतिक आवासों के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और अन्य राज्य अधिकारियों के प्रयासों से छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण को नई दिशा मिलेगी, और राज्य एक हरित और समृद्ध भविष्य की ओर अग्रसर होगा।

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