मंदसौर में शराब दुकान को हटाने की मांग पर बवाल, भीड़ ने की तोड़फोड़

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले के जग्गा खेड़ी गांव में उस समय तनाव फैल गया जब गुस्साए स्थानीय लोग शराब की दुकान बंद करने की अपनी पुरानी मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए। देर शाम स्थिति तब और बिगड़ गई जब बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं दुकान के बाहर जमा हो गए और दुकान में तोड़फोड़ करने लगे। अधिकारियों की निष्क्रियता से निराश भीड़ ने आस-पास के वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया और सड़क पर शराब की बोतलें फेंकी।
पुलिस मौके पर पहुंची, भीड़ नियंत्रित हु ई
उपद्रव की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को शांत करने की कोशिश की। मंदसौर के सीएसपी सतनाम सिंह के मुताबिक, “शराब की दुकान में तोड़फोड़ की गई है। पुलिस मौके पर मौजूद है और मामला दर्ज किया जाएगा। सीसीटीवी फुटेज की जांच कर दोषियों की पहचान की जाएगी और कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी।” पुलिस की मौजूदगी से भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रण में लाने में मदद मिली।
VIDEO | Madhya Pradesh: A liquor shop reportedly vandalised in Jaggakhedi, Mandsaur, earlier today. More details awaited.
(Full video available on PTI Videos- https://t.co/dv5TRAShcC) #Mandsaur pic.twitter.com/0zaIgcsaIb
— Press Trust of India (@PTI_News) April 4, 2025
शराब की दुकान को लेकर लंबे समय से चल रहा गुस्सा
जग्गा खेड़ी के लोग कथित तौर पर लंबे समय से शराब की दुकान को हटाने की मांग कर रहे थे। स्थानीय लोगों ने पहले भी जिला प्रशासन और पुलिस से शिकायत की थी, जिसमें स्थानीय पर्यावरण पर शराब की दुकान के नकारात्मक प्रभाव को लेकर चिंता जताई गई थी। हालांकि, कोई कार्रवाई नहीं होने से स्थानीय लोगों में निराशा बढ़ती जा रही है। गुरुवार, 4 अप्रैल को मामला तब चरम पर पहुंच गया, जब सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल थे, दुकान पर पहुंच गए और अपना विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
जांच जारी है, कार्रवाई सुनिश्चित है
घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए इलाके के सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की जाएगी। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में शराब की दुकानों के खिलाफ बढ़ते गुस्से को उजागर किया है और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अधिकारियों द्वारा समय पर हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया है।