सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, क्रिप्टो फ्रॉड मामले में दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में 11 ठिकानों पर छापेमारी
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क्रिप्टो फ्रॉड के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दिल्ली-एनसीआर और हरियाणा में बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 ठिकानों पर छापेमारी की है। इस दौरान सीबीआई ने नकदी, अमेरिकी डॉलर, सोना और कई अन्य महत्वपूर्ण सामग्रियों को जब्त किया। यह कार्रवाई उन साइबर अपराधियों के खिलाफ की गई है जो सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को ठगने के आरोप में शामिल थे।
1.08 करोड़ रुपये नकद बरामद
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली और हरियाणा के 11 स्थानों पर की गई इस छापेमारी में सीबीआई ने कुल 1.08 करोड़ रुपये नकद जब्त किए। यह मामला करीब दो साल पुराना बताया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली में नौ और हरियाणा के हिसार में दो स्थानों पर छापेमारी की गई।
सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करते थे और अवैध गतिविधियों में लिप्त थे।
फर्जी टेक्निकल सपोर्ट के जरिए ठगी
सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार, “आरोपियों ने फर्जी टेक्निकल सपोर्ट कंसल्टेशन के माध्यम से लोगों को गुमराह किया और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी के रूप में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया। बाद में, इन क्रिप्टो फंड्स को कई क्रिप्टो वॉलेट्स के जरिए नकद में बदल दिया जाता था।” इस मामले में एजेंसी पहले ही तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
डिजिटल साक्ष्य बरामद
छापेमारी के दौरान सीबीआई ने कई महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए। इनमें छह लैपटॉप, आठ मोबाइल फोन और एक आईपैड शामिल हैं। इसके अलावा, जांच में पाया गया कि आरोपी वीओआईपी (VoIP) आधारित कॉल करने के लिए विशेष कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग कर रहे थे। इतना ही नहीं, आरोपी ‘डार्कनेट’ तक पहुंचने के लिए भी कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल कर रहे थे।
छापेमारी में विदेशी मुद्रा और सोना भी जब्त
सीबीआई की इस बड़ी कार्रवाई में न केवल नकद बल्कि विदेशी मुद्रा और सोना भी बरामद किया गया। छापेमारी के दौरान:
- 1.08 करोड़ रुपये नकद
- अमेरिकी डॉलर में 1,000 डॉलर
- 252 ग्राम सोना जब्त किया गया।
क्रिप्टो फ्रॉड का बढ़ता दायरा
भारत में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते चलन के साथ ही इससे जुड़े धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी नई-नई तकनीकों का उपयोग करके मासूम लोगों को ठग रहे हैं। क्रिप्टो फ्रॉड के इस मामले में भी आरोपी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे थे, जिसमें वीओआईपी कॉल, फर्जी टेक्निकल सपोर्ट, और ‘डार्कनेट’ के जरिए अवैध गतिविधियां शामिल थीं।
सीबीआई की सख्ती
सीबीआई ने इस मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। एजेंसी का मानना है कि इस तरह के अपराधों में शामिल अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस छापेमारी के बाद जांच एजेंसी अन्य संदिग्धों की तलाश में जुटी हुई है।
सीबीआई ने इस केस में पहले ही तीन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दी है, और अब अन्य आरोपियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कई कानूनी चुनौतियां हैं, और अपराधी इस कानूनी खामी का फायदा उठाकर लोगों को धोखा दे रहे हैं।
क्रिप्टो फ्रॉड से बचने के उपाय
क्रिप्टो फ्रॉड से बचने के लिए आम जनता को सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों के अनुसार:
- अनजान कॉल या ईमेल से सावधान रहें – अगर कोई खुद को सरकारी अधिकारी बताकर आपसे पैसा मांगता है, तो पहले इसकी सत्यता की जांच करें।
- क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन की सत्यता जांचें – किसी भी निवेश या ट्रांजैक्शन से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें।
- विश्वसनीय प्लेटफॉर्म का ही उपयोग करें – क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के लिए हमेशा सरकारी मान्यता प्राप्त और सुरक्षित प्लेटफॉर्म का ही इस्तेमाल करें।
- व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें – अपनी बैंक डिटेल्स, पासवर्ड, और अन्य संवेदनशील जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा न करें।
क्रिप्टो फ्रॉड के इस मामले में सीबीआई की छापेमारी से यह साफ हो गया है कि देश में साइबर अपराधियों की पकड़ मजबूत होती जा रही है। लेकिन साथ ही, जांच एजेंसियां भी इन अपराधियों पर शिकंजा कसने में पीछे नहीं हैं। इस छापेमारी से कई महत्वपूर्ण सबूत हाथ लगे हैं, जिससे आगे की जांच में मदद मिलेगी। अब यह देखना होगा कि सीबीआई इस मामले में और किन-किन अपराधियों तक पहुंचने में सफल होती है।