आगरा पंचायत राज सम्मेलन में BJP विधायकों का बवाल, सम्मान को लेकर हुआ विवाद
उत्तर प्रदेश के आगरा में पंचायत राज सम्मेलन के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो विधायक गुस्से में आ गए। इस सम्मेलन के दौरान ना केवल उन्होंने पंचायत राज अधिकारियों को फटकार लगाई, बल्कि अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। यह घटना तब हुई जब सम्मेलन के मंच पर महिला विधायक को बैठाने और अन्य दो विधायकों को दर्शक दीर्घा में जगह देने को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
विधायकों का गुस्सा: मंच पर बैठने की जगह पर विवाद
BJP के विधायक चौधरी बाबूलाल और छोटेलाल वर्मा ने पंचायत राज सम्मेलन के दौरान मंच पर अपनी जगह न मिलने पर अपना गुस्सा जाहिर किया। छोटेलाल वर्मा ने इस बारे में कहा कि वह पांच बार के विधायक हैं और सरकार उन्हीं जैसे विधायकों की वजह से चल रही है। उनका कहना था कि इस सम्मेलन में उनके साथ उचित सम्मान नहीं किया गया, जबकि मंच पर पंचायत राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर, केंद्रीय पशुपालन और पंचायत राज राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल जैसे बड़े नेता बैठे थे।
विधायकों ने यह आरोप लगाया कि सम्मेलन में उनकी उपेक्षा की गई और उनके स्थान को लेकर कोई सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया गया। छोटेलाल वर्मा ने इस बात पर खासा नाराजगी जताई कि महिला विधायक को मंच पर बैठने का स्थान दिया गया, जबकि वे स्वयं अपनी स्थिति के हिसाब से मंच पर बैठने के हकदार थे।
विधायकों का विरोध और अधिकारियों पर तंज
आगरा में आयोजित इस पंचायत राज सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल हुए थे। यह सम्मेलन पंचायत राज के 20470 एक्शन प्लान के बारे में चर्चा करने के लिए आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य “विकसित भारत के लिए पंचायत राज” के तहत योजनाओं को लागू करना था। इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों के अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
BJP विधायक चौधरी बाबूलाल और छोटेलाल वर्मा इस बात से इतना नाराज हो गए कि वे अपने स्थान से उठकर मंच पर पहुंचे और पंचायत राज अधिकारियों से अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इस बात का विरोध किया कि उन्हें सम्मेलन में उनका उचित सम्मान नहीं मिला।
सम्मेलन का महत्व और योजना का उद्देश्य
इस सम्मेलन में पंचायत राज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें विशेष रूप से “विकसित भारत के लिए पंचायत राज” एक्शन प्लान को लागू करने की योजना पर विचार किया गया। इस योजना का उद्देश्य भारतीय पंचायतों को सशक्त बनाना और उन्हें विकास कार्यों में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करना है।
सम्मान की कमी से बढ़ा विवाद
BJP के दोनों विधायकों का गुस्सा इस बात से था कि उन्हें सम्मेलन में उचित सम्मान नहीं मिला। उनका मानना था कि पंचायत राज के अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों के सम्मान की कद्र करनी चाहिए, क्योंकि वे जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि राजनीति और सरकारी प्रशासन में कभी-कभी इज्जत और सम्मान को लेकर विवाद उठना आम बात है।
आखिरकार, इस विवाद के बाद पंचायत राज अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद की आवश्यकता को और भी ज्यादा महसूस किया गया, ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।