भोपाल के डिप्टी कलेक्टर पर दुष्कर्म का आरोप, महिला सरकारी कर्मचारी का वीडियो भी साझा
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। जानकारी के अनुसार, यह शिकायत एक महिला सरकारी कर्मचारी ने की है, जिसने अपने आरोप के समर्थन में एक वीडियो भी साझा किया है। महिला का आरोप है कि डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरटे ने शादी का झांसा देकर कई बार उनका शारीरिक शोषण किया। अधिकारियों का कहना है कि महिला की शिकायत मिलने के बाद, डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
राजेश सोरटे पर आरोप
अधिकारियों के अनुसार, 47 वर्षीय राजेश सोरटे को 2022 में राजगढ़ जिले के पचोर में तहसीलदार के पद पर तैनात किया गया था। महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि सोरटे के साथ उसका संपर्क तब हुआ जब वह राजगढ़ में तहसीलदार के पद पर कार्यरत थे। महिला का कहना है कि इसके बाद, सोरटे ने उसे अलग-अलग जगहों पर शारीरिक शोषण का शिकार बनाया। महिला का आरोप है कि सोरटे ने शादी का वादा कर उसे कई बार शारीरिक रूप से उत्पीड़ित किया।
पुलिस ने आईपीसी की धाराओं में दर्ज किया मामला
पचोर के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (SDPO) अरविंद सिंह ने इस मामले की पुष्टि की और कहा कि महिला की शिकायत के आधार पर पचोर पुलिस ने डिप्टी कलेक्टर सोरटे के खिलाफ दुष्कर्म का मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 के तहत दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा का प्रयोग नहीं किया गया क्योंकि यह अपराध 2022 में हुआ था, जबकि BNS का लागू होना बाद की घटना है।
महिला ने वीडियो भी साझा किया
महिला ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सोरटे ने उसे न केवल शारीरिक रूप से उत्पीड़ित किया, बल्कि उसके साथ विश्वासघात भी किया। इस दुष्कर्म के समर्थन में महिला ने एक वीडियो भी प्रस्तुत किया है, जो उसके आरोपों को मजबूत करता है। पुलिस ने अब इस वीडियो को जांच का हिस्सा बना लिया है। अधिकारी ने कहा कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है और उसकी तलाश की जा रही है।
मामले की गंभीरता और जांच
इस मामले को लेकर राजगढ़ के पुलिस अधीक्षक (SP) आदित्य मिश्रा ने तुरंत कदम उठाया और मामले को पचोर पुलिस स्टेशन के निरीक्षक अखिलेश वर्मा को सौंपा। मिश्रा ने महिला की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया और पुलिस को निर्देश दिए कि इस मामले की निष्पक्ष और पूरी जांच की जाए।
आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
महिला के आरोपों ने एक बार फिर से सरकारी अधिकारियों द्वारा शोषण और उत्पीड़न के मामलों की गंभीरता को उजागर किया है। यह मामला सिर्फ एक व्यक्तिगत घटना नहीं है, बल्कि एक सशक्त संदेश भी है कि समाज में हर स्तर पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा और शोषण को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। महिला संगठनों और अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है और आरोपियों को शीघ्र सजा दिलाने की अपील की है।
यह घटना न केवल राजगढ़ बल्कि पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन चुकी है। डिप्टी कलेक्टर जैसे उच्च पदस्थ अधिकारियों पर इस प्रकार के गंभीर आरोप यह साबित करते हैं कि सरकारी अधिकारी होने के बावजूद कुछ लोग अपनी शक्ति और अधिकार का दुरुपयोग करते हैं। ऐसे मामलों में न्याय की प्रक्रिया को पारदर्शी और त्वरित बनाना बेहद जरूरी है ताकि महिलाएं अपने अधिकारों की रक्षा कर सकें और समाज में इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए एक कड़ा संदेश भेजा जा सके।