भोपाल रेप केस: MP हाईकोर्ट का अहम फैसला, महिला रेप नहीं कर सकती लेकिन भड़का सकती है – अदालत

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने साल 2023 के भोपाल रेप केस में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा है कि कोई महिला रेप नहीं कर सकती, लेकिन वह रेप के लिए उकसाने की दोषी हो सकती है। इसी आधार पर कोर्ट ने आरोपी महिला के खिलाफ धारा 376 r/w 34, 109 और 506(11) के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही अदालत ने आरोपी युवक की मां और भाई को भी इस मामले में सह-आरोपी माना है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 21 अगस्त 2022 को भोपाल के छोला मंदिर इलाके में एक महिला ने एफआईआर दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाया कि पड़ोस में रहने वाले युवक अभिषेक गुप्ता ने शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे उसने स्वीकार कर लिया। जब वह अपनी सहमति बताने के लिए युवक के घर पहुंची तो वहां युवक की मां और भाई ने उसे जबरन कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद आरोपी युवक ने महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाए।
महिला ने आरोप लगाया कि आरोपी युवक ने उसे कई बार घर बुलाकर शोषण किया और सगाई भी की, लेकिन बाद में शादी से इनकार कर दिया। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने अभिषेक गुप्ता के खिलाफ धारा 376, 109, 506 के तहत मामला दर्ज किया और उसकी मां और भाई को भी सह-आरोपी बनाया।
हाईकोर्ट ने मां और भाई को भी माना आरोपी
सेशंस कोर्ट ने इस मामले में आरोपी की अपील खारिज कर दी थी, जिसके बाद आरोपी हाईकोर्ट पहुंचा। लेकिन हाईकोर्ट ने सेशंस कोर्ट के फैसले को सही ठहराया और आरोपी युवक के साथ उसकी मां और भाई को भी सह-आरोपी माना। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के साथ रेप के दौरान आरोपी की मां और भाई मौजूद थे, इसलिए उनकी भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता।
महिला रेप नहीं कर सकती, लेकिन उकसाने की दोषी हो सकती है
हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि भले ही कोई महिला रेप का अपराध नहीं कर सकती, लेकिन वह इस अपराध को उकसाने की दोषी हो सकती है। इसलिए आरोपी युवक की मां और भाई को भी धारा 376, 34, 109 और 506(11) के तहत सह-आरोपी बनाया जाए। इस मामले की सुनवाई जस्टिस प्रमोद अग्रवाल और जस्टिस प्रशांत की खंडपीठ ने की।