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Benefits of Kakora: मीठा करेला ककोरा बन गया सेहत का सितारा, जानिए क्यों डॉक्टर भी कर रहे हैं इसकी तारीफ!

जब भी करेला सुनते हैं तो ज़ुबान पर कड़वाहट आ जाती है लेकिन क्या आपने कभी मीठा करेला यानी ककोड़ा का नाम सुना है। ये एक ऐसी सब्जी है जो स्वाद में तो लाजवाब है ही साथ ही सेहत के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। अलग-अलग राज्यों में इसे ककोड़ा, मीठा करेला या कांटोला के नाम से जाना जाता है और खास बात ये है कि इसे उगाना भी आसान होता है। गर्मियों और बारिश के मौसम में ये आसानी से खेतों और बागानों में उग जाता है। इसकी बनावट हल्की सी कटहल या करेला जैसी होती है लेकिन इसका स्वाद बेहद अलग और चटपटा होता है।

ककोड़ा की दो किस्में – एक मीठी और एक कड़वी

वाराणसी के एक्यूप्रेशर एक्सपर्ट और आयुर्वेदाचार्य डॉ. अनिरुद्ध पांडे बताते हैं कि ककोड़ा दो प्रकार का होता है। एक होता है मीठा और दूसरा कड़वा। हालांकि स्वाद में कड़वा ककोड़ा बेहतर माना जाता है लेकिन ये कम मात्रा में मिलता है। दोनों ही किस्में शरीर के लिए फायदेमंद हैं और आयुर्वेद में इनकी औषधीय उपयोगिता भी बताई गई है। ककोड़ा छोटा होता है लेकिन इसमें पोषक तत्वों की भरमार होती है। इसमें विटामिन B12, विटामिन D, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम और कॉपर जैसे जरूरी मिनरल्स मौजूद होते हैं। इसमें कैलोरी कम होती है और फाइबर ज्यादा होता है जिससे वजन कम करने और पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में मदद मिलती है।

Benefits of Kakora: मीठा करेला ककोरा बन गया सेहत का सितारा, जानिए क्यों डॉक्टर भी कर रहे हैं इसकी तारीफ!

ककोड़ा – कई बीमारियों में असरदार इलाज

डॉ. पांडे के मुताबिक ककोड़ा कई बीमारियों से लड़ने में कारगर होता है। यह सिर दर्द, बाल झड़ना, कान दर्द, पेट संक्रमण, पीलिया, बवासीर जैसी समस्याओं में राहत देता है। इसके अलावा इसका लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे लाभदायक बनाता है। बरसात के मौसम में होने वाली स्किन प्रॉब्लम जैसे दाद, खाज, खुजली, सूजन और आंखों की जलन में भी यह असरकारी होता है। यहां तक कि यह ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने और बुखार जैसी आम समस्याओं से राहत देने में भी मदद करता है। कई बार लकवा जैसी गंभीर स्थितियों में भी ककोड़ा को औषधि की तरह इस्तेमाल किया गया है।

स्वाद भी चटपटा और तरीका भी आसान

ककोड़ा को सब्ज़ी, करी या भजिया के रूप में आसानी से बनाया जा सकता है। इसके ऊपर की परत को हल्का छीलकर इसके अंदर का हिस्सा पकाने में इस्तेमाल होता है। इसका स्वाद तीखा और मसालेदार होता है जो हर किसी को पसंद आता है। खास बात ये है कि इसका नियमित सेवन शरीर को अंदर से साफ़ करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। हालांकि गर्भवती महिलाएं और जो लोग पहले से दवाइयां ले रहे हैं उन्हें इसे डॉक्टर की सलाह से ही खाना चाहिए क्योंकि इसकी औषधीय ताकत बहुत तेज होती है। अगर सही तरीके से और सही मात्रा में खाया जाए तो ये छोटे से दिखने वाला ककोड़ा आपकी सेहत का बड़ा साथी बन सकता है।

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