Bahraich Communal Violence: अनधिकृत कर्फ्यू, दुकानें और स्कूल बंद, हजारों की भीड़
बहराइच में हालिया सांप्रदायिक हिंसा ने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है, जिसके कारण अनधिकृत कर्फ्यू जैसे हालात बन गए हैं। शहर के कई इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जिसके चलते दुकानें और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। इस हिंसा में राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई, जिनके शव का पोस्टमॉर्टम तड़के 3:30 बजे से शुरू हुआ और सुबह 7 बजे समाप्त हुआ। इसके बाद उनका शव घर भेजा गया, जहां भारी पुलिस बल तैनात है।
हिंसा में घायल हुए लोग
बहराइच में हुई सांप्रदायिक हिंसा में 12 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें सुधाकर तिवारी (45), सत्यवान (40), अखिलेश वाजपेयी (55), विनोद मिश्रा (60), और लाल विश्वकर्मा (55) शामिल हैं। अधिकांश घायल लोग निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जबकि कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
मुख्य आरोपी सलमान समेत 25 लोग गिरफ्तार
सांप्रदायिक हिंसा में एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद बहराइच के कई हिस्सों में हिंसा भड़क उठी। इस घटना के बाद, देर रात मुख्य आरोपी सलमान समेत कई लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। सूत्रों के अनुसार, 20 से 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है। दूसरी ओर, पूजा समिति ने देर रात तक आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर कड़ा रुख अपनाया, और आरोपी को फांसी देने की मांग करते हुए नारेबाजी की।
प्रदर्शन और आगजनी की घटनाएँ
महाराजगंज की घटना के विरोध में बहराइच जिले में उग्र प्रदर्शन और आगजनी की घटनाएँ हुईं। रात भर पुलिस और प्रशासन को संघर्ष का सामना करना पड़ा। डीजीपी की सख्ती के बाद, हार्डी थाने के प्रभारी और महसी चौकी के प्रभारी को रात में निलंबित कर दिया गया। पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई न होने के कारण लोगों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
पुलिस प्रशासन के प्रति नाराजगी
महाराजगंज नगर में हुई घटना को लेकर लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा है। इस वजह से एसपी व्रिंदा शुक्ला ने हार्डी थाने के प्रभारी सुरेश कुमार वर्मा और महसी चौकी के प्रभारी शिव कुमार को निलंबित कर दिया। हालांकि, लोग अब भी नाराज हैं, क्योंकि पुलिस के अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोग कह रहे हैं कि इसके साथ ही सीओ रूपेंद्र गौड़ के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, जिन्होंने लाठीचार्ज किया था।
जांच और कार्रवाई की आवश्यकता
एसपी व्रिंदा शुक्ला ने कहा, “हमने अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाही के लिए SHO और महसी चौकी के प्रभारी को निलंबित किया है। पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जो भी अपने कर्तव्यों में लापरवाह पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। लेकिन फिर भी, जनता का गुस्सा कम नहीं हो रहा है।
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की चुनौती
इस घटना ने बहराइच में सांप्रदायिक सौहार्द को खतरे में डाल दिया है। स्थानीय लोगों में डर और असुरक्षा की भावना बढ़ रही है। इस हिंसा के बाद, यह आवश्यक हो गया है कि प्रशासन इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए। स्थानीय नेताओं और सामाजिक संगठनों को भी आगे आकर शांति स्थापित करने का प्रयास करना होगा।
आगे की कार्रवाई
अब सवाल यह है कि प्रशासन इस स्थिति को कैसे संभालेगा। क्या प्रशासन जल्द ही इन हिंसक घटनाओं को रोकने में सक्षम होगा? क्या मुख्य आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी? ये सवाल बहराइच के लोगों के मन में घूम रहे हैं। लोगों की मांग है कि प्रशासन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाए।