दुकानें बंद होने के साथ ही थानों में लटक जाते हैं ताले, शटर बंद कर सो रही पुलिस
मीडिया ऑडीटर/रीवा (निप्र) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपराध नियंत्रण को लेकर पुलिस विभाग की कमान अपने हाथों में रखी है जिससे वह आपराधिक घटनाओं की मॉनिटरिंग खुद करें मगर अपराध कम करने की जिम्मेदारी उन्होंने अपने जिन कर्मचारियों के हाथों पर सौंपी है वह इलाकों की दुकान बंद होने के समय पर ही थानों का शटर बंद कर के सोने चले जाते हैं तथा पुलिस की इस रोजाना की गतिविधि को देखकर चोर, लुटेरे सहित अन्य अपराधी अपने कार्यों की ओर चल देते हैं जिससे अब रीवा जिले में अपराध का ग्राफ भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
आपको बता दें दैनिक मीडिया ऑडिटर की टीम मंगलवार की रात भ्रमण पर निकली तो देखा की शहर की दुकानें लगभग 10 बजे रात बंद हो रही हैं और उसी समय में शहर के साथ ही सटे हुए इलाकों में स्थित शटर भी बंद हो गए अब अगर इस बीच कोई घटना हुई तो फरियादी को बंद ताले को ही अपनी फरियाद सुनानी पड़ेगी।
बताया जा रहा है कि शहर से सटे हुए इलाके सगरा में तो 8 बजे शाम को ही थाने का शटर बंद कर दिया जाता है वहीं हमारी टीम के भ्रमण में शहर के भी आधे से ज्यादा थाने बंद ही नजर आए जहां थाने का मुख्य द्वार बंद करके जिम्मेदार नदारद थे। बंद पड़े थानों में तो सबसे पहले शहर के मध्य पर स्थित जिले का मुख्य थाना सिविल लाइन भी शामिल रहा जहां करीब 11 बजे ही थाने का शटर बंद मिला इसके अलावा सिटी कोतवाली, बिछिया और महिला थाना की भी वही स्थिति रही। अब ऐसे में अपराध पर नियंत्रण कैसे संभव हो।
रात में थानों के सही ढंग से पुलिसिंग न होने से बंद होने का कोई प्रावधान नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो जांच कराई जाएंगी। इसमें लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। विवेक सिंह, पुलिस
जिले में बढ़ा अपराधों का ग्राफ
दरअसल सही ढंग से पुलिसिंग न होने के चलते अब रीवा जिले में चोरी, लूट, हत्या जैसी वारदातें आम होती जा रही हैं परंतु इन अपराधों पर अंकुश लगाने की बजाय पुलिस की टीम चैन की निद्रा में लीन है। और इसमें कोई भी जिम्मेदार अधिकारी अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं।