Anupriya Patel ने योगी सरकार को चेताया: जाति जनगणना पर प्रभावी लड़ाई जरूरी
जाति जनगणना: इस समय देश में जाति जनगणना को लेकर राजनीति गर्म है। विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर केंद्रीय सरकार पर लगातार सवाल उठा रही हैं। इसी बीच, केंद्रीय सरकार की मंत्री और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष Anupriya Patel ने विपक्ष को एक बेहतरीन जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि जाति-वार जनगणना हमारे लिए नया मुद्दा नहीं है, यह तो विपक्ष के लिए है। जब समाजवादी पार्टी (SP) और कांग्रेस सत्ता में थीं, तब उन्होंने यह क्यों नहीं किया?
Anupriya Patel का सख्त बयान
Anupriya Patel ने लखनऊ के रवींद्रालय में पार्टी के अधिकारियों के एक कार्यक्रम में भाग लिया, जहाँ उन्होंने जाति जनगणना को लेकर SP और कांग्रेस पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां इसे अब मुद्दा बना रही हैं, लेकिन हमारी पार्टी कई वर्षों से इसकी मांग कर रही है। इस संबंध में हमने केंद्रीय सरकार के सामने भी अपना पक्ष रखा है। लेकिन, जब SP सत्ता में थी, तब उन्होंने इसे क्यों नहीं करवाया? जैसे बिहार में जाति जनगणना कराई गई, वैसे ही SP भी इसे करवा सकती थी।
69,000 शिक्षक भर्ती पर योगी सरकार को चेतावनी
अनुप्रिया ने योगी सरकार को 69,000 शिक्षक भर्ती के मुद्दे पर भी चेताया और कहा कि इसके लिए प्रभावी लड़ाई लड़ी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम लगातार पिछड़ी जातियों के अधिकारों की आवाज उठा रहे हैं। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। लेकिन हम हमेशा पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे। योगी सरकार को इन उम्मीदवारों के अधिकारों के लिए प्रभावी लड़ाई लड़नी होगी। हमारी पार्टी आउटसोर्सिंग में आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की भी मांग कर रही है।
जाति जनगणना का मुद्दा और UP उपचुनाव
जाति जनगणना का मुद्दा उत्तर प्रदेश के उपचुनाव से पहले गर्माया हुआ है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, दोनों ही पार्टियां लगातार केंद्रीय सरकार को इस मुद्दे पर घेरने की कोशिश कर रही हैं। भाजपा भी इस मुद्दे पर घिरी हुई दिखाई दे रही है। भाजपा ने इस मामले में स्पष्ट बयान नहीं दिया है, लेकिन कई NDA सहयोगी इसके पक्ष में हैं। इनमें अपना दल, जेडीयू और एलजेपी जैसी पार्टियां शामिल हैं, जो बिहार में सहयोगी हैं।
जाति जनगणना की आवश्यकता
Anupriya Patel ने कहा कि उन्होंने केंद्र से जाति-वार जनगणना की मांग की है और उन्हें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना समाज को सशक्त बनाने के लिए आवश्यक है। यह सभी जातियों के लिए प्रामाणिक परिणाम देगा, जो वास्तविक स्थिति को उजागर करेगा।
सामाजिक न्याय की दिशा में कदम
जाति जनगणना के द्वारा हमें यह जानने का अवसर मिलेगा कि विभिन्न जातियों का समाज में कितना प्रतिनिधित्व है। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि किन जातियों को अधिक सहायता और ध्यान देने की आवश्यकता है। इससे न केवल सरकारी योजनाओं का सही लाभ पात्र व्यक्तियों को मिलेगा, बल्कि समाज में समता और न्याय की दिशा में भी एक बड़ा कदम बढ़ेगा।