Amit Shah का संदेश, ‘हमारी लड़ाई खत्म नहीं हुई, बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा

गृह मंत्री Amit Shah ने सोमवार को कहा कि भले ही जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तुलनात्मक शांति स्थापित हो गई हो, लेकिन आतंकवाद, घुसपैठ और धार्मिक भावनाओं को भड़काने की साजिशों के खिलाफ लड़ाई अभी जारी रहेगी। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने सुरक्षा कर्मियों के बलिदान को याद करते हुए कहा कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और 2047 तक भारत एक पूर्ण विकसित राष्ट्र बन जाएगा।
‘हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई’
गृह मंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “पिछले 10 वर्षों में हमारे सुरक्षा बलों की निष्ठा और दक्षता के कारण जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में तुलनात्मक शांति स्थापित हो चुकी है। लेकिन, हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।”
शाह ने यह भी कहा कि आतंकवाद और अन्य खतरों के खिलाफ यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक देश में स्थायी शांति और सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती। उन्होंने कहा, “हम उभरते खतरों जैसे ड्रोन हमलों, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबर अपराध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से अशांति फैलाने के प्रयासों, धार्मिक भावनाओं को भड़काने की साजिशों, घुसपैठ, अवैध हथियारों की तस्करी और आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। ये वे चुनौतियाँ हैं जिनका हमें आज के समय में सामना करना पड़ रहा है।”
बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा: Amit Shah
शाह ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से अब तक 36,438 पुलिसकर्मी देश की सुरक्षा के लिए शहीद हो चुके हैं। इनमें से पिछले वर्ष 216 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा, “हमारा देश उनके इस सर्वोच्च बलिदान के प्रति सदैव ऋणी रहेगा। मैं उनके परिजनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारा देश सुरक्षित रहेगा और किसी भी चुनौती का सामना करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा। 2047 तक भारत निश्चित रूप से एक विकसित राष्ट्र बनेगा।”
नए आपराधिक कानूनों की प्रभावशीलता
गृह मंत्री ने अपने भाषण में तीन नए आपराधिक कानूनों का भी उल्लेख किया जो 1 जुलाई से लागू हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन कानूनों को लागू करने के लिए आवश्यक ढांचे का निर्माण पांच साल पहले ही शुरू हो चुका था। शाह ने कहा, “आने वाले तीन वर्षों में शेष बचे कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा। मैं देश को यह आश्वासन देना चाहता हूं कि भारत का आपराधिक न्याय तंत्र दुनिया में सबसे आधुनिक होगा और किसी भी प्राथमिकी दर्ज होने के तीन साल के भीतर न्याय दिया जाएगा।”
शहीदों को श्रद्धांजलि
Amit Shah ने सोमवार को राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, “आज हम यहां उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित हुए हैं जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।” इस अवसर पर इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
आंतरिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता
गृह मंत्री ने कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक तकनीक और संसाधनों से सुसज्जित कर रही है ताकि वे उभरते हुए खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकें। शाह ने कहा, “देश की आंतरिक सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम इसे सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।”
भविष्य की चुनौतियाँ
Amit Shah ने यह भी बताया कि आज के समय में देश को कई नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें साइबर अपराध, ड्रोन का उपयोग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के जरिए अशांति फैलाने के प्रयास और मादक पदार्थों की तस्करी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रही है और सुरक्षा बलों को उन्नत उपकरणों और प्रशिक्षण से लैस किया जा रहा है।
पुलिसकर्मियों की भूमिका की सराहना
गृह मंत्री ने देश के पुलिसकर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि वे न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने में, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे पुलिसकर्मियों ने हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पण और साहस का परिचय दिया है। उनका बलिदान और सेवा हमारे देश की सुरक्षा के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।”
शाह ने कहा कि सुरक्षा बलों के इसी साहस और समर्पण के कारण देश आज आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ मजबूत खड़ा है। “देश के जवानों की बहादुरी और प्रतिबद्धता के कारण ही आज देश शांति की ओर बढ़ रहा है,” उन्होंने कहा।