उत्तर प्रदेश

अखिलेश यादव ने महा कुम्भ में यातायात की समस्याओं से निजात के लिए योगी सरकार को दी सलाह

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण शहर और आसपास के इलाकों की सड़कों पर लंबा जाम लगने की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस स्थिति से निपटने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक सुझाव दिया है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी प्रकार की रुकावट का सामना न करना पड़े और जाम की समस्या कम हो।

अखिलेश यादव ने दी टोल मुक्त करने की सलाह

अखिलेश यादव ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से अपील की कि महाकुंभ के अवसर पर राज्य में वाहनों को टोल मुक्त किया जाए। उनका कहना था कि इससे यात्रा में रुकावट कम होगी और जाम की समस्या का समाधान भी होगा।

अखिलेश यादव ने लिखा, “महाकुंभ के अवसर पर उत्तर प्रदेश में वाहनों को टोल मुक्त किया जाना चाहिए। इससे यात्रा में बाधा कम होगी और जाम का संकट भी दूर होगा। जब फिल्मों को मनोरंजन कर मुक्त किया जा सकता है, तो महाकुंभ के महापर्व पर गाड़ियों को कर मुक्त क्यों नहीं?”

अखिलेश यादव ने अपने इस पोस्ट के साथ कुछ फोटो और वीडियो भी शेयर किए, जिनमें वह टोल के पास खाना खा रहे श्रद्धालुओं से बात करते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं से बातचीत करते हुए उनकी समस्याओं को सुना और यह भी बताया कि इस प्रकार के कदम से यात्रा को और सुविधाजनक बनाया जा सकता है।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं का बढ़ता हुआ आगमन

महाकुंभ में अभी भी श्रद्धालुओं का आगमन लगातार जारी है। 26 फरवरी को होने वाले आखिरी स्नान तक मेला क्षेत्र में भीड़ बढ़ती जा रही है। इसी कारण प्रयागराज जिले के बॉर्डर और मेला क्षेत्र की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति और भी जटिल हो गई है। विशेषकर रविवार (9 फरवरी) को एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान किया, जिससे मेला क्षेत्र और शहर में ट्रैफिक की स्थिति और भी विकट हो गई है।

अखिलेश यादव के अनुसार, यदि वाहनों को टोल मुक्त कर दिया जाए, तो इस प्रकार की समस्याओं को कम किया जा सकता है, क्योंकि श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान टोल शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा और उनका समय बच सकेगा।

प्रशासन और पुलिस की व्यवस्था पर बढ़ी जिम्मेदारी

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और जाम की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को भी खुद ग्राउंड जीरो पर उतरकर व्यवस्था संभालने की जरूरत पड़ी है। महाकुंभ के डीआईजी पुलिस वैभव कृष्ण खुद संगम से लेकर एंट्री पॉइंट तक पैदल ही भ्रमण कर व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने में लगे हुए हैं।

वैभव कृष्ण ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ अप्रत्याशित तरीके से बढ़ रही है, और कभी-कभी इससे लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ता है। उनके अनुसार, प्रशासन की पूरी कोशिश है कि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो, लेकिन इस विशाल आयोजन की प्रकृति के कारण कुछ कठिनाइयाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

महाकुंभ के महत्व और भीड़ का दबाव

महाकुंभ एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों लोग हर साल शामिल होते हैं। यह आयोजन न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है। श्रद्धालु इस समय गंगा स्नान के लिए प्रयागराज आते हैं, और यह समय विशेष रूप से उन लोगों के लिए होता है जो अपनी धार्मिक यात्रा को पूर्ण करना चाहते हैं।

महाकुंभ के दौरान सड़कें, सार्वजनिक परिवहन और अन्य आधारभूत सुविधाओं पर अत्यधिक दबाव बनता है। हालांकि प्रशासन ने अपनी तरफ से हरसंभव प्रयास किया है, लेकिन बढ़ती हुई भीड़ को संभालना एक बड़ी चुनौती बन जाता है। अखिलेश यादव ने अपनी सलाह में इस बात का भी उल्लेख किया कि यदि सरकार इस वक्त वाहनों को टोल मुक्त कर देती है तो यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की अतिरिक्त परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

बढ़ती हुई ट्रैफिक जाम की स्थिति

महाकुंभ के दौरान ट्रैफिक जाम की समस्या लगातार बढ़ रही है। प्रयागराज जिले के बॉर्डर क्षेत्रों में वाहनों की कतारें लग रही हैं, जिससे यात्रा में समय की बर्बादी हो रही है। इसके अलावा, महाकुंभ के अन्य प्रमुख स्थानों पर भी वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे पूरे क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन रही है।

अखिलेश यादव ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी बताया कि जब फिल्म उद्योग को मनोरंजन कर से छूट दी जा सकती है, तो महाकुंभ जैसे धार्मिक आयोजन में वाहनों को टोल से क्यों मुक्त नहीं किया जा सकता। उनका कहना था कि इससे यात्रा में कोई रुकावट नहीं आएगी और श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी।

अखिलेश यादव की बातों का असर और प्रशासन की प्रतिक्रिया

अखिलेश यादव की सलाह के बाद इस विषय पर चर्चा तेज हो गई है। प्रशासन ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की बात की है, और कई अधिकारियों ने इसे एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा है। हालाँकि, इस पर कोई आधिकारिक फैसला अभी तक नहीं लिया गया है, लेकिन अगर सरकार इस दिशा में कदम उठाती है तो इससे महाकुंभ के दौरान यात्रा की सुविधा में सुधार हो सकता है।

महाकुंभ एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है और इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। अखिलेश यादव ने अपने सुझाव में वाहनों को टोल मुक्त करने की बात की है, जिससे श्रद्धालुओं की यात्रा में सुविधा हो सके। हालांकि, प्रशासन को इस मुद्दे पर विचार करना होगा और उचित कदम उठाने होंगे ताकि महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

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