कटनी में माधवराव सिंधिया की प्रतिमा हटाने में लापरवाही का आरोप, NHAI ने 4 इंजीनियरों को किया निलंबित
कटनी जिले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को आपत्तिजनक तरीके से हटाते हुए देखा गया। प्रतिमा को गले में रस्सी बांधकर हटाया गया। कांग्रेस ने इस पर आपत्ति जताई और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी नाराजगी व्यक्त की, जिसके बाद 4 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया।
कटनी बाईपास पर निर्माण कार्य के कारण हटाई जा रही थी प्रतिमा
कटनी जिले में नेशनल हाईवे-30 के कटनी बाईपास मार्ग पर सड़क और पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। इसी कारण वहां स्थित माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को स्थानांतरित किया जा रहा था। लेकिन प्रतिमा को हटाने में प्रोटोकॉल की अनदेखी की गई।
एक वीडियो में देखा गया कि कर्मचारी प्रतिमा के ऊपर चढ़कर गले में रस्सी बांधते हैं और फिर इसे पोकेलेन मशीन से नीचे लाया जाता है। यह तरीका बेहद आपत्तिजनक और असंवेदनशील माना गया।
कांग्रेस ने जताई कड़ी आपत्ति
कांग्रेस ने माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को इस तरह से हटाने पर कड़ी आपत्ति जताई। कांग्रेस नेता दिव्यांशु मिश्रा ने इसे माधवराव सिंधिया के योगदान का अपमान करार दिया और प्रशासन से मांग की कि प्रतिमा को सम्मानपूर्वक बहाल किया जाए। कांग्रेस ने इसे सरकारी असंवेदनशीलता का उदाहरण बताया।
मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी
इस घटना के बाद राज्य बीजेपी अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कटनी कलेक्टर और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधिकारियों से बात की। उन्होंने निर्देश दिए कि महान व्यक्तियों की प्रतिमा को हटाने का काम गरिमा के साथ किया जाए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी इस मामले में सख्त कार्रवाई का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि माधवराव सिंधिया जैसे महान नेता की प्रतिमा को अपमानजनक तरीके से हटाना बिल्कुल अस्वीकार्य है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर 4 इंजीनियरों को निलंबित कर दिया गया।
निलंबित हुए इंजीनियर
इस घटना के बाद NHAI ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार इंजीनियरों को निलंबित कर दिया।
- इन इंजीनियरों पर आरोप है कि उन्होंने प्रतिमा को हटाने के लिए सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया।
- इंजीनियरों की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन प्रशासन ने उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
प्रतिमा स्थानांतरित करने में गरिमा का ध्यान आवश्यक
माधवराव सिंधिया भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता रहे हैं और उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। किसी भी नेता की प्रतिमा को स्थानांतरित करने में गरिमा और सम्मान का पालन किया जाना चाहिए। इस घटना ने प्रशासनिक लापरवाही और असंवेदनशीलता को उजागर किया है।
यह घटना दर्शाती है कि प्रशासनिक कार्यों में प्रोटोकॉल और गरिमा का पालन कितना महत्वपूर्ण है। माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को जिस असंवेदनशील तरीके से हटाया गया, उसने न केवल कांग्रेस बल्कि आम जनता में भी आक्रोश पैदा किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई कार्रवाई ने यह संदेश दिया है कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की गलतियां न हों और सभी महान नेताओं का सम्मान बरकरार रहे।