मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं के लिए बने मंच का हादसा: हिंदूवादी संगठन से जुड़े व्यक्ति पर लापरवाही का मामला दर्ज

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में सोमवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन के दौरान बना मंच अचानक गिर गया। इस हादसे में 10 से अधिक कांग्रेस नेता घायल हो गए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस घटना को लेकर बुधवार को पुलिस ने हिंदूवादी संगठन से जुड़े चंद्रशेखर तिवारी के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया। तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर कमजोर मंच तैयार किया, जिससे यह दुर्घटना हुई।
धर्मेंद्र सिंह चौहान की शिकायत पर पुलिस ने की कार्रवाई
इस मामले में पुलिस ने मध्य प्रदेश कांग्रेस की किसान शाखा के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान की शिकायत पर कार्रवाई की। चौहान ने आरोप लगाया कि चंद्रशेखर तिवारी, जो संस्कृत बचाओ मंच के संयोजक हैं, ने जानबूझकर कमजोर मंच बनवाया, ताकि कांग्रेस नेताओं को नुकसान पहुंचे। इस आरोप के बाद टीटी नगर पुलिस ने तिवारी के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया।
कैसे हुआ हादसा?
यह घटना सोमवार को रंगमहल चौक के पास हुई, जब कांग्रेस नेता प्रदेश सरकार की कथित ‘किसान विरोधी’ नीतियों के खिलाफ विधानसभा की ओर मार्च निकालने वाले थे। इससे पहले, वे मंच पर खड़े होकर प्रदर्शनकारियों को संबोधित कर रहे थे। अचानक, मंच भरभराकर गिर गया, और 10 से अधिक नेता चोटिल हो गए।
हादसे के बाद पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि कुछ नेताओं को गंभीर चोटें आई हैं और वे अभी भी उपचाराधीन हैं।
किन नेताओं को चोट लगी?
इस घटना में जिन नेताओं को चोटें आई हैं, उनमें शामिल हैं:
- धर्मेंद्र सिंह चौहान (मध्य प्रदेश कांग्रेस किसान शाखा के प्रदेश अध्यक्ष)
- राजीव सिंह (मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के राजनीतिक सलाहकार)
- सीनियर कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल
- राज्य कांग्रेस की महासचिव रोशनी यादव
- राज्य कांग्रेस महिला सेवा दल की अध्यक्ष राजकुमारी रघुवंशी
पुलिस का बयान: तिवारी ने ठेके का दावा खारिज किया
टीटी नगर पुलिस स्टेशन के प्रभारी सुधीर कुमार अरजरिया ने बताया कि धर्मेंद्र सिंह चौहान की शिकायत के आधार पर चंद्रशेखर तिवारी के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि तिवारी को इस प्रदर्शन के लिए मंच बनाने का ठेका दिया गया था, लेकिन उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका इस काम से कोई सीधा संबंध नहीं था।
तिवारी का कहना है कि उनके पास मंच निर्माण का कोई लिखित अनुबंध नहीं था और उन्होंने यह काम अन्य टेंट हाउस संचालकों को सौंप दिया था।
चंद्रशेखर तिवारी का दावा: मैंने मंच निर्माण का काम नहीं किया
हिंदूवादी संगठन से जुड़े चंद्रशेखर तिवारी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने दावा किया कि 9 मार्च को धर्मेंद्र सिंह चौहान ने उनसे मंच बनाने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने यह काम करने से मना कर दिया।
हालांकि, चौहान के बार-बार अनुरोध करने पर उन्होंने यह काम दूसरे टेंट मालिकों को सौंप दिया। तिवारी ने दावा किया कि उन्हें मंच पर 75 से 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था करने को कहा गया था, लेकिन 300 से 400 लोग अचानक मंच पर चढ़ गए, जिससे मंच गिर गया।
तिवारी ने कहा, “मैंने यह काम खुद नहीं किया था, बल्कि इसे अन्य टेंट संचालकों ने पूरा किया था। भीड़ अनुमान से ज्यादा हो गई, जिससे यह हादसा हुआ।”
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू
इस घटना के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे साजिश करार दिया और कहा कि उनके नेताओं को जानबूझकर नुकसान पहुंचाने के लिए कमजोर मंच तैयार किया गया। वहीं, भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कांग्रेस की लापरवाही को ही जिम्मेदार बताया।
भाजपा नेताओं का कहना है कि भीड़ ज्यादा होने के कारण मंच गिरा और इसके लिए किसी संगठन या व्यक्ति को दोष देना गलत है। भाजपा का यह भी कहना है कि कांग्रेस को प्रदर्शन की व्यवस्था सही ढंग से करनी चाहिए थी।
मामले की जांच जारी
पुलिस का कहना है कि इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। पुलिस अधिकारी सीसीटीवी फुटेज और मंच निर्माण से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।
टीटी नगर थाना प्रभारी सुधीर कुमार अरजरिया ने कहा, “हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि मंच के निर्माण में लापरवाही किस स्तर पर हुई। यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखने को मिली। कुछ लोगों का कहना है कि इस तरह के प्रदर्शन में सुरक्षा मानकों का पालन करना जरूरी होता है। वहीं, कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया।
एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “यदि मंच कमजोर था, तो इसे बनाने वाले को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह एक बड़ी लापरवाही है, जिससे कई लोगों की जान खतरे में पड़ गई।”
प्रदर्शन में भीड़ और अव्यवस्था बनी हादसे की वजह?
विशेषज्ञों का कहना है कि इस हादसे की एक बड़ी वजह भीड़ का अनुमान से अधिक होना था। जब एक मंच को 75-100 लोगों के बैठने के लिए डिजाइन किया जाता है और उस पर 300-400 लोग चढ़ जाते हैं, तो दुर्घटना होना स्वाभाविक है।
हालांकि, सवाल यह भी उठता है कि मंच बनाने वालों ने इसे मजबूत क्यों नहीं बनाया? यदि यह मंच सही मानकों के अनुसार बनाया जाता, तो यह हादसा टल सकता था।
भोपाल में कांग्रेस नेताओं के प्रदर्शन के दौरान मंच गिरने की यह घटना एक गंभीर मामला है। इस दुर्घटना में 10 से अधिक नेता घायल हुए और कई को गंभीर चोटें आईं।
अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार गलती किसकी थी?
चंद्रशेखर तिवारी पर लापरवाही का आरोप लगा है, लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया है। अब यह जांच में साफ होगा कि क्या यह एक लापरवाही थी या साजिश? पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही इस पर कोई ठोस निष्कर्ष निकाला जा सकेगा।