उत्तर प्रदेश

PWD की संपत्ति कर बकाया को लेकर नगर निगम ने सील किया कार्यालय, जानिए पूरा मामला!

गोरखपुर में संपत्ति कर की बकाया राशि को लेकर दो विभागों के बीच टकराव ने अफसरों और आम जनता को चौंका दिया। इस विवाद के कारण गोरखपुर नगर निगम के मुख्य कर मूल्यांकन अधिकारी ने 3 करोड़ रुपये की संपत्ति कर बकाया राशि के चलते PWD (सार्वजनिक निर्माण विभाग) कार्यालय को सील कर दिया। यह दृश्य देख अधिकारी और कर्मचारी वहां इकट्ठा हो गए। हालांकि, PWD के मुख्य अभियंता ने दो दिन का समय मांगा, जिसके बाद नगर निगम के मुख्य कर मूल्यांकन अधिकारी ने सील हटा दी और उन्हें सोमवार तक का समय दे दिया।

यह घटना गोरखपुर के सिविल लाइन्स स्थित PWD कार्यालय में शनिवार, 22 मार्च को दोपहर 2 से 3 बजे के बीच हुई। नगर निगम के मुख्य कर मूल्यांकन अधिकारी विनय कुमार राय, जो एक बड़ी भीड़ के साथ पहुंचे थे, ने कार्यालय को सील कर दिया। जैसे ही कार्यालय में ताला बंद करने की कार्रवाई शुरू हुई, अफसरों और कर्मचारियों की भीड़ जमा हो गई। यह सब तब हुआ जब नगर निगम की तरफ से PWD को संपत्ति कर की बकाया राशि को लेकर कई बार नोटिस भेजे गए थे, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

नगर निगम की ओर से कई बार भेजे गए थे नोटिस

गोरखपुर नगर निगम के मुख्य कर मूल्यांकन अधिकारी ने कई बार PWD को बकाया संपत्ति कर को लेकर नोटिस भेजे थे। इसके बावजूद, PWD ने भुगतान करने में कोई गंभीरता नहीं दिखाई। इस मामले को लेकर नगर निगम के अधिकारी लगातार उच्च अधिकारियों से संपर्क करते रहे, लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ। नगर निगम के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कार्रवाई के लिए उच्च आदेशों का पालन किया।

PWD की संपत्ति कर बकाया को लेकर नगर निगम ने सील किया कार्यालय, जानिए पूरा मामला!

मुख्य कर मूल्यांकन अधिकारी विनय कुमार राय ने बताया कि यह 3 करोड़ रुपये की बकाया राशि बहुत बड़ी है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि संपत्ति कर नगर निगम के दैनिक कार्यों का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है और इस बकाया राशि के कारण नगर निगम को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ सकता है। इसी कारण से यह कार्रवाई की गई है।

मुख्य अभियंता ने मांगी दो दिन की मोहलत

PWD के मुख्य अभियंता ने नगर निगम के अधिकारियों से दो दिन का समय मांगा, ताकि वह इस बकाया राशि का भुगतान कर सकें। इसके बाद, नगर निगम के मुख्य कर मूल्यांकन अधिकारी ने PWD कार्यालय से सील हटा ली और उन्हें सोमवार तक का समय दिया। इस कदम से एक बार फिर दोनों विभागों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई, लेकिन समयसीमा के साथ स्थिति को नियंत्रित किया गया।

क्यों हुआ यह विवाद?

इस विवाद की शुरुआत संपत्ति कर की बकाया राशि से हुई। नगर निगम ने PWD को कई बार नोटिस भेजे, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यह बकाया राशि पिछले वित्तीय वर्ष से चली आ रही है, और यह नगर निगम की वित्तीय स्थिति के लिए महत्वपूर्ण है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम उच्च अधिकारियों के आदेश के तहत उठाया गया है, ताकि सार्वजनिक निर्माण विभाग को भुगतान करने के लिए बाध्य किया जा सके।

नगर निगम और PWD के बीच टकराव का भविष्य

यह मामला अब नगर निगम और PWD के बीच एक बड़ा विवाद बन चुका है। दोनों विभागों के बीच टकराव और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। हालांकि, सोमवार तक PWD को समय दिया गया है, लेकिन इस मामले में आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा। क्या PWD इस समयसीमा के भीतर बकाया राशि का भुगतान करेगा या यह मामला और उलझेगा?

नगर निगम के लिए महत्वपूर्ण कदम

नगर निगम के लिए यह कदम महत्वपूर्ण था क्योंकि इस प्रकार के बकाया भुगतानों का नगर निगम की दैनिक कार्यप्रणाली पर सीधा असर पड़ता है। नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि यह कदम नगर निगम के हित में है और इससे भविष्य में ऐसे मामलों से बचने में मदद मिलेगी।

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