उत्तर प्रदेश

कैबिनेट का नया आदेश: सहायक ऑडिट अफसरों की संख्या बढ़ी, जानिए कौन-कौन होंगे शामिल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मंगलवार को हुई कैबिनेट की अहम बैठक में 15 में से 13 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई, जिससे राज्य के लिए कई अहम फैसले लिए गए। मंजूरी पाने वाले प्रमुख प्रस्तावों में उत्तर प्रदेश में प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) के जवानों के ड्यूटी भत्ते में बढ़ोतरी शामिल है। इस कदम से 34,000 से अधिक जवानों को फायदा होगा, क्योंकि दैनिक ड्यूटी भत्ता 350 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है।

पीआरडी ड्यूटी भत्ते में बढ़ोतरी 2025 से लागू होगी

वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने पीआरडी जवानों के ड्यूटी भत्ते में 105 रुपये की वृद्धि कर उसे 395 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिदिन करने के कैबिनेट के फैसले की जानकारी साझा की। यह वृद्धि 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। इस वृद्धि से राज्य सरकार पर 75 करोड़ 87 लाख 50 हजार रुपये का अतिरिक्त व्यय होने का अनुमान है। उत्तर प्रदेश भर में 34,092 पीआरडी स्वयंसेवकों की मासिक आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, क्योंकि इस समायोजन से 30 दिनों की सेवा के आधार पर उनकी मासिक आय में 3,150 रुपये की वृद्धि होगी।

पीआरडी भत्ते में वृद्धि के अलावा कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा सेवा नियमावली 2025 के पुनर्गठन से संबंधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पुनर्गठन का उद्देश्य पदों के वितरण को संतुलित करना है, जिसमें निचले पदों की संख्या बढ़ाने और उच्च पदों की संख्या कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस नए ढांचे के तहत कुल 1,307 पदों में से 150 पदों को सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया जाएगा, जिससे सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पदों की कुल संख्या 405 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, 464 पदों को लेखा परीक्षक के पद पर पदावनत किया जाएगा, जिससे निचले पदों की संख्या 900 हो जाएगी।

कार्यबल पर पुनर्गठन का प्रभाव

पुनर्गठन योजना पदोन्नति संरचना को और अधिक संतुलित बनाने के लिए बनाई गई है, जो पहले की असमानता को दूर करती है, जहाँ निचले पदों की तुलना में पदोन्नति वाले पद अधिक थे। इस समायोजन के साथ, निचले स्तर के पदों की संख्या बढ़ाने और उच्च स्तर के पदों को कम करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे जिम्मेदारियों का अधिक न्यायसंगत वितरण हो सकेगा। इस कदम से उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सहकारी समितियां और पंचायत लेखा परीक्षा सेवा के कामकाज को सुव्यवस्थित करने, बेहतर कार्यप्रवाह और अधिक कुशल प्रशासनिक प्रणाली सुनिश्चित करने की उम्मीद है।

इन निर्णयों को सरकारी कर्मचारियों, विशेषकर सुरक्षा और लेखापरीक्षा क्षेत्रों में, के कल्याण में सुधार की दिशा में एक कदम के रूप में देखा जा रहा है, तथा यह उत्तर प्रदेश में कार्यबल के पुनर्गठन और संवर्धन के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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