छत्तीसगढ

40 साल की लड़ाई का अंत, बस्तर के नक्सल मुक्त होने की कहानी जो सबको झकझोर देगी – जल्द रिलीज होगी नई फिल्म

‘द केरल स्टोरी’ और ‘बस्तर फाइल्स: द नक्सल स्टोरी’ के निर्देशक सुदीप्तो सेन हाल ही में छत्तीसगढ़ के जगदलपुर पहुंचे। वे ‘बेज़िंग टू बस्तर’ संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे, जिसका आयोजन ‘बस्तर शांति समिति’ ने किया था। इस दौरान सुदीप्तो सेन ने बताया कि बस्तर, जो लगभग 40 सालों से नक्सलवाद की मार झेल रहा है, अब नक्सल मुक्त होने के कगार पर है। इसी बदलाव को लेकर वे जल्द ही बस्तर में नक्सलवाद के सफाए पर एक फिल्म बनाने जा रहे हैं, जिसमें वे स्थानीय कलाकारों को प्रमुख भूमिका देंगे।

फिल्म की शूटिंग बस्तर में ही होगी

सुदीप्तो सेन ने कहा कि यह फिल्म बस्तर में ही शूट होगी। वे इसकी स्क्रिप्ट तैयार कर चुके हैं लेकिन अभी तक फिल्म के लिए कोई शीर्षक तय नहीं किया है। उन्होंने बताया कि फिल्म की शूटिंग जल्द ही शुरू होगी। सुदीप्तो सेन का मानना है कि बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में केंद्रीय और राज्य सरकारों के साथ-साथ जवानों की भूमिका अहम रही है। वे इस लड़ाई को दर्शाना चाहते हैं कि कैसे नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद बस्तर में बदलाव आए हैं।

40 साल की लड़ाई का अंत, बस्तर के नक्सल मुक्त होने की कहानी जो सबको झकझोर देगी – जल्द रिलीज होगी नई फिल्म

फिल्म में क्या दिखाया जाएगा?

यह फिल्म नक्सल विरोधी अभियान में लगे जवानों की मेहनत और संघर्ष को दिखाएगी। साथ ही यह भी बताएगी कि कैसे नक्सलियों को पीछे धकेला गया और बस्तर में स्थिति सुधरी। इस फिल्म में बस्तर की धरती पर हुए घटनाक्रमों को बारीकी से पेश किया जाएगा। स्थानीय लोगों की भागीदारी भी इस फिल्म का खास हिस्सा होगी जिससे असली बस्तर की झलक मिल सके।

‘द नक्सल स्टोरी’ के बाद नई कहानी की शुरुआत

ABP न्यूज से बातचीत में सुदीप्तो सेन ने कहा कि देश में पिछले 50 सालों से नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई एक नए और दिलचस्प मोड़ पर आ पहुंची है। उनका मानना है कि नक्सलवाद के पूरी तरह समाप्त होने में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं। इसलिए वे ‘द नक्सल स्टोरी’ के बाद इस कहानी पर फिल्म बनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी पुरानी फिल्मों में भी छत्तीसगढ़ के कई लोग अभिनय कर चुके हैं और वे हमेशा स्थानीय कलाकारों को मौका देते हैं। उनकी इच्छा है कि यह नई फिल्म पूरी तरह छत्तीसगढ़ में शूट हो ताकि असली माहौल को दिखाया जा सके।

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