जामा मस्जिद सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा में 28 गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने एक और आरोपी फरहात को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि हिंसा के बाद फरहात ने एक वीडियो बनाया था जिसमें उसने हिंदुओं को मारने की अपील की थी और उस वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। इस वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। यह घटना तब हुई जब संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में चार लोग मारे गए थे, जबकि 25 लोग घायल हो गए थे, जिनमें एक उप जिला मजिस्ट्रेट भी शामिल थे।
अब तक 28 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं
संभल में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक कुल 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई को और तेज कर दिया है। 30 पुलिस टीमों का गठन किया गया है, जो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही हैं। CCTV फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान की जा रही है और इस दौरान 100 से ज्यादा तस्वीरें भी जारी की गई हैं। पुलिस का कहना है कि जो आरोपी फरार हैं, उनकी तलाश जारी है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सार्वजनिक संपत्ति की हानि का मुआवजा लिया जाएगा
उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल हिंसा में हुई सार्वजनिक संपत्ति की हानि की भरपाई के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। पुलिस ने हिंसा में शामिल पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा, इन लोगों से सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का मुआवजा भी वसूला जाएगा। पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपियों पर इनाम भी घोषित किया जा सकता है। पुलिस ने जिन प्रमुख आरोपियों के नाम लिए हैं, उनमें समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बारक, स्थानीय विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल और 2750 अज्ञात लोग शामिल हैं।
बीजेपी सांसद दीनेश शर्मा का बयान
संभल हिंसा पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद दीनेश शर्मा ने कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जानबूझकर दंगों को भड़काना, पुलिस वाहनों को निशाना बनाना, खुलेआम फायरिंग करना और पत्थरबाजी करना किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दीनेश शर्मा ने यह भी कहा कि जो भी इस हिंसा के पीछे जिम्मेदार हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि संभल में अब स्थिति पूरी तरह से शांतिपूर्ण है और नेताओं को भी भड़काऊ बयान देने से बचना चाहिए।
राजनीतिक बयानबाजी पर सतर्कता की आवश्यकता
संभल हिंसा में राजनीतिक आरोपों का भी सिलसिला शुरू हो गया है। इस हिंसा के बाद स्थानीय नेताओं द्वारा दिए गए बयान और उनके द्वारा किए गए आरोपों ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया। इस दौरान राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। बीजेपी के नेताओं ने प्रदेश सरकार से इन आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने सरकार पर हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।
भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम
उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन ने हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कदम उठाए हैं। वहीं, राज्य में भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। पुलिस प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी है और क्षेत्रीय स्तर पर सतर्कता बढ़ाई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी करने से बचें, जिससे हालात बिगड़ सकते हैं।
संभल हिंसा के बाद पुलिस की तेज कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी से उम्मीद की जा रही है कि स्थिति जल्दी सामान्य हो जाएगी। हालांकि, इस घटना ने यह साफ कर दिया है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई और राजनीतिक सतर्कता की जरूरत है ताकि समाज में शांति बनी रहे और किसी भी तरह की हिंसा को बढ़ावा न मिले।