18th Pravasi Bharatiya Divas: ओडिशा में भारतीय संस्कृति का जलवा
भुवनेश्वर, ओडिशा में बुधवार को 18th Pravasi Bharatiya Divas सम्मेलन का आयोजन शुरू हुआ। इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देश-विदेश से पांच हजार से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन की शुरुआत युवा प्रवासी भारतीय दिवस कार्यक्रम से हुई, जिसमें विभिन्न देशों से आए युवाओं ने भाग लिया। सम्मेलन का उद्घाटन ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहंन चरण मही, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और युवा मामले एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने किया।
विदेश मंत्री का उद्घाटन भाषण – युवा पीढ़ी के योगदान पर जोर
इस अवसर पर भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उद्घाटन समारोह में संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सोच को ‘चलता है’ से बदलकर ‘होगा कैसे नहीं’ में तब्दील कर दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के विकास में युवा पीढ़ी का महत्वपूर्ण योगदान है। विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी के प्रभाव को युवाओं पर स्पष्ट करते हुए बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का उदाहरण दिया।
विदेश मंत्री ने कहा, “एक बार पीवी सिंधु ने बताया था कि क्यों प्रधानमंत्री मोदी युवा पीढ़ी के लिए आदर्श हैं। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश को ‘चलता है’ की मानसिकता से बदलकर ‘होगा कैसे नहीं’ की सोच में बदला और अब हम कुछ भी बदल सकते हैं।” विदेश मंत्री ने आगे कहा कि युवा पीढ़ी बड़े बदलाव ला रही है, चाहे वह ए.आई., इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप्स या खेलों में हो। उन्होंने यह भी कहा कि अपने आप को विकसित करना जटिल हो सकता है, लेकिन जब हम यह मानते हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है, तो यह सोच हमें इस रास्ते पर चलने में मदद करती है।
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री ने भारतीय प्रवासी समुदाय से भारतीय पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील की और कहा कि एनआरआई युवा भारत में नियमित रूप से यात्रा करें ताकि वे भारत से जुड़ सकें और भारतीय संस्कृति और समृद्धि से परिचित हो सकें। यह सम्मेलन 8 से 10 जनवरी तक भुवनेश्वर में आयोजित हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी की भागीदारी और समापन सत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को इस सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन के समापन सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू प्रवासी भारतीय सम्मान से उन एनआरआई समुदाय के सदस्यों को सम्मानित करेंगी जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट उपलब्धियां प्राप्त की हैं। इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि के रूप में त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टिन कार्ला कंगालु मौजूद रहेंगी, जो वर्चुअल रूप से सम्मेलन को संबोधित करेंगी। सम्मेलन का विषय ‘विकसित भारत में एनआरआई का योगदान’ है।
ओडिशा पर्यटन को मिलने वाली है नई पहचान
ओडिशा सरकार ने प्रवासी भारतीयों को राज्य की समृद्ध संस्कृति और धरोहर से अवगत कराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। ओडिशा के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने कहा कि ओडिशा सरकार हर संभव प्रयास कर रही है ताकि प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रतिनिधियों को राज्य की सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव हो सके। उन्होंने कहा, “इस सम्मेलन के हर प्रतिनिधि को ओडिशा पर्यटन का राजदूत बनने का अवसर मिलेगा, और हमें उम्मीद है कि राज्य की समृद्ध संस्कृति और धरोहर विभिन्न देशों से आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करेगी।”
ओडिशा राज्य में आयोजित इस सम्मेलन से राज्य की पर्यटन नीति को भी एक नई दिशा मिल सकती है। राज्य सरकार प्रवासी भारतीयों से यह अपेक्षाएं रखती है कि वे ओडिशा के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों का दौरा करें और अपने अनुभवों को अपने देशों में साझा करें, ताकि ओडिशा पर्यटन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान मिल सके।
प्रवासी भारतीयों का योगदान और विकास की दिशा
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय प्रवासियों के योगदान को पहचानना और उनके साथ संवाद स्थापित करना है। यह सम्मेलन भारत और विदेशों में बसे भारतीयों के बीच सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक संबंधों को और मजबूत करने का एक अवसर है। प्रवासी भारतीयों का भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है, जो विशेष रूप से तकनीकी, व्यापार, विज्ञान और खेलों के क्षेत्र में देखा जा सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा प्रवासी भारतीयों को भारत की विकास यात्रा में साझेदार के रूप में देखा है। उनका मानना है कि प्रवासी भारतीयों के योगदान से भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूती मिली है। इस सम्मेलन के माध्यम से प्रवासी भारतीयों को अपनी भूमिका और भविष्य की संभावनाओं पर विचार करने का एक मंच मिलता है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस बात पर जोर दिया कि भारत का विकास युवा पीढ़ी के योगदान से ही संभव है और प्रवासी भारतीयों को इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
समापन सत्र और पुरस्कार वितरण
यह सम्मेलन 10 जनवरी को समापन सत्र के साथ समाप्त होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू प्रवासी भारतीयों के योगदान को सम्मानित करेंगी और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रवासी भारतीयों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान करेंगी। इस आयोजन का समापन ओडिशा के संस्कृति और धरोहर के सम्मान में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम से होगा, जिसमें ओडिशा के पारंपरिक नृत्य, संगीत और कला का प्रदर्शन होगा।
18वीं प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन ने भारत और विदेशों में बसे भारतीयों के बीच मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने का काम किया है। ओडिशा में हो रहे इस सम्मेलन से ना केवल प्रवासी भारतीयों को अपने देश के प्रति प्यार और सम्मान का अनुभव हुआ, बल्कि ओडिशा राज्य को भी वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के समापन समारोह में हिस्सेदारी से यह सम्मेलन और भी महत्वपूर्ण बन जाएगा।