वक्फ ज़मीनें छीनी जाएंगी या बचाई जाएंगी? दिल्ली के टाकाटोरा स्टेडियम में बड़ा ऐलान

दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सोमवार को मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में पूर्व सांसद और मुस्लिम नेता मोहम्मद अदीब ने केंद्रीय सरकार को निशाने पर लिया और कहा कि मोदी जी के कारण आज एक सोई हुई मुस्लिम बिरादरी जाग गई है। अदीब ने कहा कि हम पिछले 10-11 सालों से इधर-उधर भटक रहे थे, लेकिन ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सभी को एक मंच पर एकत्र कर लिया है। अब हमें इस काले कानून के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करना है।
वक्फ की ज़मीन छीनने से कौन लाभान्वित होगा?
मोहम्मद अदीब ने आगे कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखना चाहता है, तो उसे उन बिंदुओं पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए जिन पर उसने आपत्ति जताई है। लेकिन हमारा मुद्दा तो पूरे वक्फ बिल से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यह दावा कर रहे हैं कि वह गरीबों के लिए अच्छा कर रहे हैं, तो क्या किसी को वक्फ की ज़मीन छीनने से लाभ मिलेगा? अदीब ने यह सवाल उठाया और इस बात पर जोर दिया कि यह एक साजिश है जो मुसलमानों को कमजोर करने के लिए बनाई गई है।
वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम नेताओं की चेतावनी
मुस्लिम नेता मोहम्मद अदीब ने कहा कि बहुत से हिंदू भी नहीं जानते कि हमारे साथ क्या हो रहा है। हमें इस वक्फ मुद्दे को उनके सामने रखकर समझाना होगा। यह एक साजिश है जो हमें मारने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे छोटे-छोटे कार्यक्रम आयोजित करें और लोगों को बताएं कि यह एक अवैध कानून है। इस बीच, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता कासिम रसूल ने भी बयान दिया और कहा कि हम उत्तर प्रदेश में भी वक्फ के खिलाफ कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है, और हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चुनौती देने की भी योजना बना रहे हैं।
मौलाना अरशद मदनी का बयान
इस कार्यक्रम में मौलाना अरशद मदनी स्वयं उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन उनका बयान मंच से जमीयत उलेमा-ए-हिंद के दिल्ली के महासचिव मुफ्ती अब्दुल रजीक ने पढ़कर सुनाया। मौलाना मदनी ने कहा कि उन्हें इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने का इरादा था, लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने के कारण वह नहीं आ सके। उन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता के लिए दुआ की और कहा कि वक्फ की रक्षा की लड़ाई हमारी अस्तित्व की लड़ाई है। वक्फ संशोधन अधिनियम हमारे धर्म में सीधी दखलअंदाजी है। उन्होंने कहा कि एक मुसलमान अपने धर्म के किसी भी पहलू से समझौता कर सकता है, लेकिन वह अपने शरिया में किसी भी तरह की दखलअंदाजी को बर्दाश्त नहीं कर सकता। इस कारण हम पूरी तरह से वक्फ एक्ट 2025 को खारिज करते हैं।