उत्तर प्रदेश का रक्षा औद्योगिक गलियारा बन रहा है वैश्विक शक्ति, एथेंस में हुआ शक्ति प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश अब न केवल कृषि और उद्योग के क्षेत्र में बल्कि रक्षा उत्पादन और निवेश के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बन रहा उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में आ चुका है। इस दिशा में उत्तर प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल ग्रीस की राजधानी एथेंस में चल रहे एक रक्षा प्रदर्शनी में भाग लेने पहुंचा और अपनी रक्षा क्षेत्र की ताकत और संभावनाओं को दुनिया के सामने रखा।
उत्तर प्रदेश के रक्षा प्रदर्शनी में भागीदारी
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधिमंडल इस प्रदर्शनी में इंडिया पैविलियन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर ग्रीस में भारत के राजदूत रुदेंद्र तंडन भी उनके साथ मौजूद थे। यहां पर उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे की विशेषताएँ और इसमें निवेश की विशाल संभावनाओं के बारे में जानकारी साझा की गई। इस प्रदर्शनी में लगभग 35 देशों ने अपनी रक्षा सामग्री हथियार और आधुनिक तकनीकों का प्रदर्शन किया।
उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारा क्या है?
उत्तर प्रदेश के रक्षा औद्योगिक गलियारे को लेकर ग्रीस और अन्य देशों ने गहरी रुचि दिखाई है। विशेष रूप से ग्रीस और आर्मेनिया जैसे देशों ने इस गलियारे में निवेश करने की इच्छा जताई है। भारतीय सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत उत्तर प्रदेश में लगभग 20000 करोड़ रुपये की लागत से यह रक्षा औद्योगिक गलियारा तैयार किया जा रहा है। इस गलियारे का उद्देश्य भारत को आत्मनिर्भर रक्षा उत्पादन में अग्रणी बनाना है। यह गलियारा छह प्रमुख शहरों जैसे अलिगढ़ झांसी कानपुर चित्रकूट लखनऊ और आगरा से होकर गुजरता है जहां निवेश के लिए भूमि बिजली सुरक्षा और सरकारी सहायता जैसी सभी सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
भारत की रक्षा ताकत को और मजबूत करेगा यह गलियारा
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस रक्षा गलियारे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना न केवल निवेश को आकर्षित करेगा बल्कि यह उत्तर प्रदेश को रक्षा क्षेत्र में एक वैश्विक निर्माण हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों को भी मजबूती मिलेगी। आने वाले समय में जब यह निवेश जमीन पर दिखाई देगा तो लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और भारत की रक्षा ताकत भी मजबूत होगी।