विवादों के घेरे में उषा ठाकुर! शराब और साड़ी में बिकने वालों को अगले जन्म में जानवर बनने की दी धमकी

मध्यप्रदेश की पूर्व मंत्री और महू से BJP विधायक उषा ठाकुर ने एक बार फिर अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। हसलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने जनता से कहा कि जो लोग बीजेपी को वोट नहीं देते और शराब या साड़ी के बदले वोट बेचते हैं, वे अगले जन्म में ऊँट, बकरी, कुत्ते या बिल्ली जैसे जानवर बनेंगे। उन्होंने कहा कि वोट बेचना पाप है और जनता को सिर्फ बीजेपी को ही वोट देना चाहिए क्योंकि वही देश और संस्कृति की बात करती है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इस पर कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं भी दी हैं।
‘मैं भगवान से सीधी बात करती हूँ’ – उषा ठाकुर का दावा
इस कार्यक्रम में उषा ठाकुर ने एक और बड़ा दावा किया जिससे लोग हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि वह सीधे भगवान से बात करती हैं और उन्हें सब कुछ भगवान से ही प्रेरणा मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं से हर महीने हजारों रुपए महिलाओं और किसानों के खाते में जा रहे हैं। उन्होंने ‘लाड़ली बहना योजना’ और ‘किसान सम्मान निधि’ का उदाहरण देते हुए कहा कि जब सरकार इतनी मदद कर रही है, तब भी अगर कोई 500 या 1000 रुपए लेकर वोट बेच देता है तो यह बेहद शर्मनाक है। ऐसे लोग सिर्फ अपना नहीं बल्कि देश का भी नुकसान कर रहे हैं।
नवरात्रि में गरबा पर भी जताई थी कड़ी आपत्ति
यह पहला मौका नहीं है जब उषा ठाकुर ने विवादित बयान दिया हो। इससे पहले भी नवरात्रि के गरबा उत्सव को लेकर उन्होंने अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि गरबा शक्ति और साधना का पर्व है और इसमें बिना पहचान पत्र के किसी को भी प्रवेश नहीं मिलना चाहिए। उनका कहना था कि समाज को अपनी शक्ति बढ़ानी चाहिए और नवरात्रि के दिनों में हथियार और शास्त्रों की साधना करनी चाहिए। उन्होंने साफ कहा था कि गरबा में केवल उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाए जो अपनी असली पहचान के साथ आएं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि कुछ लोग अपनी पहचान छिपाकर ‘लव जिहाद’ को बढ़ावा देने की कोशिश करते हैं और यह सहन नहीं किया जा सकता।
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और राजनीति का मेल
उषा ठाकुर के बयानों से यह साफ है कि वह खुद को सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक राष्ट्रवादी के रूप में पेश करना चाहती हैं। वे बार-बार भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और परंपराओं की बात करती हैं और उनके अनुसार बीजेपी ही वह पार्टी है जो इन मूल्यों की रक्षा कर सकती है। हालांकि उनके बयानों की भाषा और अंदाज़ को लेकर अक्सर विवाद होता है और विपक्षी दलों के साथ-साथ कई सामाजिक संगठनों ने भी उनकी आलोचना की है। फिर भी वे अपने विचारों पर अडिग रहती हैं और हर मंच पर खुलकर अपनी बात कहती हैं। उनके समर्थक उन्हें एक स्पष्टवादी नेता मानते हैं जबकि विरोधी उन्हें एक कट्टर विचारधारा की प्रतिनिधि मानते हैं।