UP Politics: पूर्व उपमुख्यमंत्री का ओवैसी के ‘वक्फ संपत्ति कागज’ बयान पर प्रतिक्रिया
UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई है। शनिवार को एक साक्षात्कार के दौरान, राज्या सभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। इनमें तिरुपति लड्डू विवाद, अखिलेश यादव का मठाधीश पर बयान, यूपी में एनकाउंटर और ओवैसी का बयान शामिल हैं। उनके बयान राजनीतिक माहौल को गरमाने का काम कर रहे हैं।
तिरुपति लड्डू विवाद पर प्रतिक्रिया
दिनेश शर्मा ने तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद को लेकर उठे विवाद पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह आस्था के साथ छेड़छाड़ है। उनका मानना है कि इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। शर्मा का कहना है कि यह हमारी धार्मिक भावनाओं का मामला है, और ऐसे मामलों में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह आस्था का सम्मान करे।
अखिलेश यादव का मठाधीश बयान
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादव द्वारा मठाधीश के संबंध में दिए गए बयान पर दिनेश शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अब यादव को यह समझ आ गया है कि अगर उत्तर प्रदेश के किसी संत के हाथ में जप की माला है, तो वह भी परशुराम की तरह हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि संत की आक्रोश और शाप बहुत मायने रखते हैं। किसी व्यक्ति को, जो संवैधानिक पद पर है, अपने शब्दों को नियंत्रित करना चाहिए।
यूपी में एनकाउंटर पर सवाल
अखिलेश यादव के एनकाउंटर के संबंध में उठाए गए सवालों पर भाजपा नेता ने कटाक्ष करते हुए कहा कि जब अपने ही लोग पीड़ित होते हैं, तो लोग दुखी होते हैं। उनके शासन में अपराध उद्योग बन गया था, लेकिन अब अपराधी या तो यूपी छोड़ रहे हैं या फिर उन्हें सजा मिल रही है। केवल वही लोग पीड़ित हो रहे हैं, जिन्होंने माफिया को संरक्षण दिया है।
ओवैसी के बयान पर जवाब
AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान पर भी दिनेश शर्मा ने प्रतिक्रिया दी, जिसमें ओवैसी ने कहा था कि लाखों लोगों के पास वक्फ संपत्ति के कागज नहीं हैं। शर्मा ने कहा कि कुछ दिनों बाद ओवैसी कहेंगे कि पूरा भारत हमारा है। उन्हें यह समझना चाहिए कि पाकिस्तान के पास भी उतनी ज़मीन नहीं है, जितनी वक्फ दावा कर रहा है। यदि उन्हें इतनी ज़मीन दी जाती है, तो एक पाकिस्तान, एक बांग्लादेश और एक वक्फ बन जाएगा। ऐसी स्थिति में, मूल भारतीय कहाँ रहेंगे?
केजरीवाल पर टिप्पणी
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के संबंध में एक सवाल पर दिनेश शर्मा ने अरविंद केजरीवाल के “नाटक” पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब कोर्ट ने यह फैसला दिया कि वह मुख्यमंत्री से संबंधित फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते, तो उनके पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। शर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने लोकसभा में सभी सात सीटें हारने के बाद दिल्ली के लोगों द्वारा ठुकराए जाने का अनुभव किया है।
राजनीति की पेचीदगियाँ
इन सभी मुद्दों पर दिनेश शर्मा की प्रतिक्रिया यूपी की राजनीति में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उनकी टिप्पणियाँ यह दर्शाती हैं कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में हर एक बयान का क्या महत्व है। यह भी स्पष्ट होता है कि राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हमलावर रहने के लिए तैयार हैं, और उनके बयानों से चुनावी माहौल और भी गरमाने की संभावना है।