उत्तर प्रदेश

UP Delivery Boy Murder: एक लाख के मोबाइल के लिए हत्या और शव के टुकड़े कर बैग में भरने का सनसनीखेज मामला

UP Delivery Boy Murder: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक डिलीवरी ब्वॉय की हत्या कर दी गई। इस घटना में तीन युवकों ने मिलकर एक डिलीवरी ब्वॉय की हत्या की, जो एक मोबाइल फोन की डिलीवरी करने आया था। इस घटना ने न केवल लखनऊ को हिलाकर रख दिया है, बल्कि यह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया है।

घटना की पृष्ठभूमि

यह घटना 24 सितंबर 2023 की है, जब भरत कुमार प्रजापति, जो इंस्टा कार्ड प्राइवेट लिमिटेड में एक डिलीवरी ब्वॉय थे, अपनी ड्यूटी पर निकले। भरत मूल रूप से अमेठी के जामो के निवासी थे और अपनी पत्नी के साथ चिहाट क्षेत्र के सविता विहार में रहते थे। उस दिन भरत को 49 ग्राहकों के लिए सामान वितरित करना था। जब वह रात तक घर नहीं लौटे, तो उनके सहकर्मी आदर्श कोष्टा ने उनके परिवार को सूचित किया और चिहाट पुलिस स्टेशन में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

हत्या का खुलासा

पुलिस जांच के दौरान पता चला कि भरत की हत्या चिहाट के देवा रोड पर बाबा अस्पताल के पास एक घर में की गई। पुलिस के अनुसार, इस घटना के मुख्य आरोपी हिमांशु कन्नौजिया ने भरत से मोबाइल फोन के लिए ऑर्डर किया था। जब भरत ने 24 सितंबर को फोन किया, तो उसने गजेंद्र से बात करने के लिए उसे कॉन्फ्रेंसिंग में जोड़ा। गजेंद्र ने उसे बताया कि वह मोबाइल प्राप्त करेगा। जब भरत दो मोबाइल लेकर पहुंचा, तो गजेंद्र और आकाश ने उसे घर के अंदर खींच लिया और उसकी हत्या कर दी।

हत्या के बाद की कार्रवाई

हत्या के बाद, आरोपियों ने भरत के मोबाइल और नकद राशि लगभग 35 हजार रुपये लूट ली। इसके बाद उन्होंने उसके शव को उसके ही डिलीवरी बैग में रखा और बाराबंकी के मती क्षेत्र में जाकर उसे इंदिरा नहर में फेंक दिया।

UP Delivery Boy Murder: एक लाख के मोबाइल के लिए हत्या और शव के टुकड़े कर बैग में भरने का सनसनीखेज मामला

पुलिस ने हिमांशु कन्नौजिया और आकाश को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि तीसरे आरोपी गजेंद्र की तलाश जारी है। एसडीआरएफ की टीम शव को खोजने की कोशिश कर रही है।

CCTV फुटेज और पुलिस की कार्रवाई

गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद, पुलिस ने भरत के मोबाइल नंबर के लोकेशन और कॉल डिटेल्स को खंगाला। उन्हें पता चला कि भरत का अंतिम लोकेशन आरोपियों के घर के पास था। भरत के नंबर से किया गया अंतिम कॉल हिमांशु और फिर गजेंद्र के नंबर पर था। इसके बाद पुलिस ने दोनों के विवरण प्राप्त किए और पाया कि दोनों उस शाम नहर के पास थे।

सीसीटीवी फुटेज में भी यह साफ नजर आया कि भरत गजेंद्र के घर में गए, लेकिन बाहर नहीं आए। आरोपियों को कार में उनका बैग रखते हुए देखा गया, जिससे पुलिस के संदेह को बल मिला। जब पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ की, तो सच सामने आया।

हत्या का अन्य पहलू

भरत के पिता राम मिलन खादी ग्राम उद्योग विभाग में कर्मचारी हैं और उनके भाई प्रेम कुमार एक वकील हैं। सभी लोग निशांतगंज के शिक्षा निदेशालय कॉलोनी में रहते हैं। राम मिलन ने बताया कि गजेंद्र पहले भरत के साथ उसी कंपनी में काम करता था। इस पर पुलिस यह जांच कर रही है कि हत्या के पीछे कोई और कारण तो नहीं है। अभी तक मोबाइल और नकद चोरी का मामला ही सामने आया है, लेकिन पुलिस की जांच जारी है।

समाज पर प्रभाव

इस घटना ने लखनऊ के निवासियों में भय और चिंता पैदा कर दी है। समाज में इस तरह की घटनाओं के बढ़ते मामलों ने लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। विशेष रूप से, युवा वर्ग में अपराध के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारी सुरक्षा के उपाय पर्याप्त हैं, और क्या हम एक सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं।

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