UP bypolls 2024: भाजपा उम्मीदवारों की घोषणा में देरी, नाम 21-22 अक्टूबर को संभावित
उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवारों की घोषणा को लेकर संशय बना हुआ है। यह घोषणा अगले सप्ताह तक टल सकती है। दिल्ली में शीर्ष BJP नेताओं के साथ एक और दौर की बातचीत के बाद ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा 21-22 अक्टूबर तक की जा सकती है। इस बीच, नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो रही है और 25 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल किए जा सकेंगे।
क्या SP उम्मीदवारों की प्रतीक्षा कर रही है BJP?
BJP उम्मीदवारों की घोषणा में देरी का एक कारण समाजवादी पार्टी (SP) के सभी उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार भी बताया जा रहा है। SP ने अब तक छह सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। दिल्ली में पिछले रविवार को BJP की महत्वपूर्ण बैठक में उम्मीदवारों के पैनल पर उच्च स्तर पर चर्चा की गई थी।
RLD के लिए एक सीट
बैठक में यह भी तय हुआ कि BJP सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, सिवाय मीराापुर सीट के, जो राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के पास रहेगी। यह सीट पहले भी RLD के पास थी। यह भी स्पष्ट हुआ कि निशाद पार्टी को कोई सीट नहीं दी जाएगी। हालांकि, निशाद पार्टी के प्रमुख और योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद की नाराजगी को देखते हुए मझावन सीट पर पुनर्विचार के संकेत दिए जा रहे हैं।
BJP ने आयोग से मिल्कीपुर सीट पर भी उपचुनाव कराने की मांग की
BJP ने अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव कराने की मांग की है। इस संबंध में BJP के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिनवा से मुलाकात की।
BJP के प्रदेश महासचिव गोविंद नारायण शुक्ला, अनुप गुप्ता, संजय राय और राम प्रताप सिंह चौहान की अगुवाई वाले इस प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को नौ विधानसभा सीटों के साथ मिल्कीपुर सीट पर भी उपचुनाव कराने के लिए पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि गोरखनाथ द्वारा लखनऊ बेंच में 2022 के विधानसभा चुनावों में मिल्कीपुर सीट से विजेता उम्मीदवार अवधेश प्रसाद की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई थी।
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव क्यों जरूरी है?
इस संबंध में उच्च न्यायालय ने किसी भी प्रकार का स्थगन आदेश या अंतरिम आदेश नहीं दिया है। ऐसे में मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव अन्य नौ विधानसभा सीटों के साथ कराना आवश्यक है।
BJP की उम्मीदवार घोषणा पर देरी के कारण
इस बार BJP उम्मीदवारों की घोषणा में देरी का मुख्य कारण समाजवादी पार्टी के सभी उम्मीदवारों की घोषणा का इंतजार बताया जा रहा है। चूंकि SP ने अब तक केवल छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है, इसलिए BJP किसी जल्दबाजी में नहीं है। इसके अलावा, BJP के अंदरूनी समीकरणों, सहयोगी दलों के साथ बातचीत और उम्मीदवारों की चयन प्रक्रिया में गहन मंथन चल रहा है।
चुनावी माहौल और BJP की रणनीति
BJP ने उपचुनावों में सभी सीटों पर जीत हासिल करने के लिए एक विस्तृत रणनीति तैयार की है। पार्टी की प्राथमिकता स्थानीय मुद्दों के साथ राष्ट्रीय एजेंडा को संतुलित करने की है। इसमें जातीय समीकरणों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को भी जोर-शोर से उठाया जाएगा। साथ ही, BJP यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि उम्मीदवारों की घोषणा में कोई गलतफहमी या अंदरूनी असंतोष न हो।
सहयोगी दलों के साथ तालमेल
BJP और उसके सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर मंथन जारी है। मीराापुर सीट को राष्ट्रीय लोक दल के लिए छोड़ने का निर्णय किया गया है, जो पहले भी उनके पास थी। निशाद पार्टी के मामले में, मझावन सीट को लेकर पुनर्विचार किया जा रहा है, ताकि उनके प्रमुख संजय निषाद को संतुष्ट किया जा सके।