UP Bypoll 2024: सीट बंटवारे को लेकर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद नाराज
UP Bypoll 2024: उत्तर प्रदेश के आगामी उपचुनाव 2024 में सीट बंटवारे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में अंदरूनी मतभेद उभरकर सामने आए हैं। भाजपा की कोर समिति की बैठक में 10 में से 9 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई, जबकि एक सीट को राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के लिए छोड़ा गया है। इस फैसले के बाद, एनडीए सहयोगी निषाद पार्टी के अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि निषाद पार्टी को कटहरी और मझवां सीटों पर चुनाव लड़ने का अधिकार है।
संजय निषाद की स्थिति
संजय निषाद ने भाजपा के सामने यह स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी को इन दोनों सीटों पर चुनाव लड़ने का हक है। भाजपा के उच्चतम नेतृत्व द्वारा संजय निषाद को भेजे गए संदेश के अनुसार, उन्हें मझवां सीट तो दी जाएगी, लेकिन भाजपा के चुनाव चिह्न पर। इस पर संजय निषाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यदि उन्हें अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला, तो पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा, “मैं मझवां सीट पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करूंगा। अगर हमें यह सीट नहीं मिली, तो हम गठबंधन में रहकर क्या करेंगे?”
पिछले चुनावों का संदर्भ
संजय निषाद ने यह भी याद दिलाया कि 2022 के विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी ने कटहरी और मझवां दोनों सीटों पर अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा था। इनमें से एक मझवां सीट पर उनकी जीत हुई थी, जबकि दूसरी सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी वे अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने की मांग कर रहे हैं।
गृह मंत्री से मुलाकात की तैयारी
संजय निषाद ने आगे कहा, “मैं अब अपनी नाराजगी गृह मंत्री अमित शाह से साझा करूंगा। मैंने उनसे मिलने का समय मांगा है। मैं आज शाम या कल उनसे मिलूंगा और अपनी बात रखूंगा।” यह संकेत है कि वे भाजपा नेतृत्व से सीधे संवाद कर अपनी स्थिति को स्पष्ट करना चाहते हैं।
भाजपा का प्रयास
भाजपा की कोर समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक के साथ राज्य अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को संजय निषाद से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी की कोशिश है कि संजय निषाद को मनाने का प्रयास किया जाए ताकि चुनाव में एकजुटता बनी रहे।
भविष्य की संभावनाएं
सूत्रों के अनुसार, अगर भाजपा संजय निषाद को मझवां सीट पर चुनाव लड़ने का अवसर देती है, तो वह कटहरी सीट पर अपने हक से पीछे हट सकते हैं। यह स्थिति संजय निषाद के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यदि पार्टी उन्हें अपने चिह्न पर चुनाव लड़ने का मौका नहीं देती है, तो उनकी स्थिति और भी कमजोर हो सकती है।
निषाद पार्टी का महत्व
निषाद पार्टी का उत्तर प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान है। इस पार्टी ने पिछली विधानसभा चुनावों में अपनी ताकत दिखाई थी और अब उपचुनाव में उनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। यदि संजय निषाद की पार्टी चुनाव में सफल होती है, तो यह भाजपा के लिए भी एक सहारा बन सकता है, खासकर जब उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल गर्म होता है।