केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया ‘गौ अभयारण और रिसर्च सेंटर’ का शिलान्यास

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने चार दिवसीय गुणा दौरे के दूसरे दिन 44 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ‘गौ अभयारण और रिसर्च सेंटर’ का भूमि पूजन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने गाय की पूजा अर्चना की और इसे भारत की शाश्वत परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ते हुए इसे ऐतिहासिक कदम बताया।
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने गाय को गुड़ खिलाया और आरती भी की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “गाय के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। गाय माँ केवल दूध देने वाली पशु नहीं है, बल्कि हमारी संस्कृति में इसे माता के रूप में पूजा जाता है।” उन्होंने बताया कि गाय से हमें दूध, घी, गोबर, गोमूत्र, और यज्ञ जैसे पवित्र कार्यों के लिए सामग्री मिलती है, यह भारत की पहचान है।
सिंधिया ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति को सर्वोत्तम बताते हुए कहा, “सनातन संस्कृति में पंच ‘ग’ – गाय, गंगा, गायत्री, गीता और गोविंद का विशेष महत्व है। गंगा और गीता आत्म-शुद्धि के प्रतीक हैं और गाय को सभी जीवों की माता के रूप में पूजा जाता है।” उन्होंने कहा कि गुणा नगर पालिका और गौ अभयारण एवं रिसर्च सेंटर को मिलकर बायो गैस के उपयोग से क्षेत्र में हरे-भरे विकास की दिशा में काम करना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने ग्वालियर में स्थित गोशाला का उदाहरण देते हुए कहा कि ग्वालियर नगर निगम और गोशाला ने मिलकर एक सीएनजी संयंत्र स्थापित किया है, जहां से उत्पादित गैस नगर निगम के वाहनों में इस्तेमाल हो रही है। उन्होंने कहा कि गुणा में भी इस मॉडल को लागू किया जाना चाहिए, जहां नगर पालिका और केंद्र मिलकर क्षेत्र के विकास में योगदान दे सकें।
सिंधिया ने अपने संबोधन में यह भी बताया कि “राजमाता जी ने 1975 में ग्वालियर के जय विलास महल परिसर में एक छोटी सी गोशाला शुरू की थी, जो आज भी वहां मौजूद है और इसे मेरी बेटी द्वारा देखा जा रहा है।” इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अजीत महापात्रा, जो अखिल भारतीय गौ सेवा प्रमुख हैं, भी उपस्थित थे।