राष्ट्रीय

Supreme Court order: सड़क दुर्घटना के बाद घायल को मिले कैशलेस इलाज

Supreme Court order: सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटना के बाद घायल व्यक्तियों को एक घंटे के भीतर कैशलेस इलाज मुहैया कराने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत, केंद्रीय सरकार को एक योजना तैयार करने के लिए कहा गया है, जिसे 14 मार्च तक लागू किया जाना है। यह योजना घायल व्यक्तियों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बनाई जाएगी, जिससे उनकी जान बचाने की संभावनाएं बढ़ सकें।

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिए कैशलेस इलाज

सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के लिए कैशलेस इलाज की योजना को जल्द से जल्द लागू करने का आदेश दिया। कोर्ट का मानना है कि घायल व्यक्तियों को “गोल्डन आवर” के दौरान तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है, जो उनकी जिंदगी बचाने के लिए बेहद अहम है। “गोल्डन आवर” वह समय होता है जब गंभीर चोट लगने के बाद पहले एक घंटे में इलाज की संभावना सबसे अधिक होती है।

कोर्ट ने कहा कि यदि इस समय के भीतर इलाज नहीं किया जाता, तो घायल व्यक्ति के बचने की संभावना कम हो जाती है। इस प्रकार की गंभीर स्थिति में अगर उपचार में देरी होती है तो मृत्यु या स्थायी विकलांगता की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, कैशलेस योजना की आवश्यकता महसूस की गई है ताकि उपचार में कोई रुकावट न आए।

कोर्ट का दृष्टिकोण: गोल्डन आवर में उपचार का महत्व

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्तियों के लिए इलाज की प्रक्रिया में कोई विघ्न न आए। कोर्ट ने यह मुद्दा उठाया कि अक्सर दुर्घटना में घायल व्यक्ति के परिवार के सदस्य उसके पास नहीं होते, जिसके कारण उन्हें त्वरित सहायता नहीं मिल पाती। इस स्थिति में अगर अस्पताल घायल को बिना किसी देरी के इलाज देना शुरू करते हैं, तो उनकी जिंदगी बचाने के अधिक अवसर होते हैं।

अक्सर यह देखा जाता है कि अस्पताल मामले में पुलिस के आने तक इलाज शुरू नहीं करते, क्योंकि उन्हें उपचार की लागत का डर होता है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस मुद्दे का समाधान कैशलेस योजना से किया जा सकता है, जिससे अस्पतालों को उपचार देने में कोई कठिनाई न हो।

Supreme Court order: सड़क दुर्घटना के बाद घायल को मिले कैशलेस इलाज

कैशलेस योजना: क्यों जरूरी है?

सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कैशलेस योजना दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि अक्सर समय की कमी के कारण घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाता। यदि पहले एक घंटे के भीतर सही उपचार नहीं दिया जाता, तो जीवन को बचाने की संभावना घट जाती है। इस योजना के लागू होने से अस्पतालों को इलाज करने में आसानी होगी, क्योंकि उन्हें इलाज का खर्च नहीं उठाना पड़ेगा।

यह योजना उन व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी जो दुर्घटना के समय अपने परिवार के साथ नहीं होते और जिनके पास तुरंत इलाज के लिए पैसा नहीं होता। कैशलेस योजना के माध्यम से उन सभी को मुफ्त इलाज मिल सकेगा, जिससे उनके इलाज में कोई रुकावट न आए।

सरकार को 14 मार्च तक योजना लागू करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सरकार को निर्देश दिया कि वह इस कैशलेस चिकित्सा योजना को 14 मार्च तक लागू करे। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मासिह की बेंच ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 162 के तहत यह जिम्मेदारी केंद्रीय सरकार की है कि वह सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को “गोल्डन आवर” के दौरान कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान करे।

कोर्ट ने इस योजना के लागू होने की समय सीमा 14 मार्च तय की है, और इसके बाद 24 मार्च को इस मामले की फिर से सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि इस योजना के तहत सरकार को दुर्घटना के शिकार लोगों को बिना किसी देरी के तत्काल उपचार मुहैया कराना होगा।

इस योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

कैशलेस इलाज योजना के तहत घायल व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होने के बाद इलाज के लिए कोई भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इसके बजाय, अस्पताल को संबंधित सरकारी योजना के तहत भुगतान किया जाएगा। यह योजना अस्पतालों को सुरक्षित रूप से और बिना किसी देरी के इलाज देने के लिए प्रोत्साहित करेगी, क्योंकि उन्हें इलाज के लिए कोई भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी।

इस योजना के लागू होने से घायल व्यक्तियों को तत्काल उपचार मिलेगा, जिससे उनकी जान बचाने की संभावना बढ़ जाएगी। यह योजना न केवल घायल व्यक्तियों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक बड़ी राहत होगी, जो इस समय के दौरान कोई आर्थिक बोझ नहीं उठाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश सरकार के लिए एक चुनौती है, लेकिन यह आदेश सड़क दुर्घटनाओं के शिकार व्यक्तियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। अगर यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो यह न केवल सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के इलाज को सरल बनाएगी, बल्कि पूरे देश में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में भी एक बड़ा सुधार हो सकता है।

सरकार के लिए अब यह जरूरी है कि वह 14 मार्च तक इस योजना को लागू करे ताकि इसके लाभ सीधे जनता तक पहुंच सकें और दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को तुरंत जीवन रक्षक उपचार मिल सके।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d