शिवांश की मौत पर सड़कों पर उतरे छात्र, परिवार ने लगाए चौंकाने वाले आरोप

जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के पहले वर्ष के छात्र शिवांश गुप्ता की आत्महत्या के मामले में अब नया मोड़ सामने आया है। गुरुवार को हॉस्टल की चौथी मंजिल से कूदकर जान देने वाले शिवांश को लेकर उनके परिवार ने रैगिंग का गंभीर आरोप लगाया है। शिवांश के चाचा दिनेश गुप्ता ने बताया कि आत्महत्या से तीन दिन पहले शिवांश ने अपनी मां को फोन कर बताया था कि सीनियर्स उसे एक नई बाइक खरीदने को लेकर रैग कर रहे हैं।
शिवांश गुप्ता का शव जैसे ही उनके परिवार को सौंपा गया, वहां मेडिकल कॉलेज परिसर में छात्रों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। गुस्साए परिजनों और छात्रों ने जबलपुर पुलिस और मेडिकल कॉलेज प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है। परिजनों का कहना है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए ताकि भविष्य में कोई और छात्र ऐसी त्रासदी का शिकार न हो। शिवांश के परिवार ने कहा कि वह बेहद होनहार छात्र था और पहली ही कोशिश में नीट पास कर मेडिकल कॉलेज में दाखिला पाया था। उसकी दो बहनें भी डॉक्टर हैं।
रैगिंग को लेकर चाचा ने लगाए गंभीर आरोप
शिवांश के चाचा दिनेश गुप्ता ने बताया कि तीन दिन पहले शिवांश ने अपनी मां को रैगिंग के बारे में बताया था। उसने कहा था कि सीनियर्स उसे मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं क्योंकि उसने हाल ही में एक नई बाइक खरीदी थी। दिनेश गुप्ता का कहना है कि शिवांश के रूम पार्टनर्स को सब पता है लेकिन वे डर के कारण कुछ नहीं बोल रहे हैं। उनका दावा है कि रैगिंग से तंग आकर ही शिवांश ने ये कदम उठाया है।
जांच के लिए बनी प्रोफेसरों की कमेटी
मामला गर्माता देख मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवीन सक्सेना ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए पांच प्रोफेसरों की एक कमेटी गठित की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस हॉस्टल में शिवांश रह रहा था, वह सिर्फ प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए है इसलिए सीनियर छात्रों द्वारा रैगिंग की संभावना कम है। फिर भी यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।