उत्तर प्रदेश

Sambhal में फर्जी दावों पर सख्त कार्रवाई, पुलिस पोस्ट निर्माण के बीच दस्तावेजों की जांच में खुलासा

Sambhal में एक के बाद एक कई रहस्य सामने आ रहे हैं, जिनसे इलाके में हलचल मच गई है। हाल ही में हुई एक जांच में यह दावा किया गया था कि जामा मस्जिद के पास पुलिस पोस्ट बनाने के लिए जिस भूमि का चयन किया गया है, वह वक्फ संपत्ति है। यह मामला तब और सुर्खियों में आया, जब संभल  प्रशासन ने इस दावे की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय टीम का गठन किया और जांच के बाद यह दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ। अब संभल  पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए वक्फ दस्तावेजों को लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले के खिलाफ FIR दर्ज की है।

फर्जी दावे का खुलासा

दरअसल, यह दावा किया गया था कि जामा मस्जिद के पास पुलिस पोस्ट के लिए चुनी गई भूमि वक्फ संपत्ति है। इस दावे के बाद संभल  प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन सदस्यीय एक टीम बनाई, जो इस दावे की जांच कर सके। जांच के दौरान टीम ने पाया कि यह दावा पूरी तरह से झूठा था और पुलिस पोस्ट के निर्माण के लिए चुनी गई भूमि वक्फ संपत्ति नहीं है। इस जांच के बाद संभल  पुलिस ने प्रशासन की शिकायत पर अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है।

संभल  डीएम का बयान

इस मामले में संभल  के डीएम ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस भूमि पर पुलिस पोस्ट का निर्माण हो रहा है, वह वक्फ संपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि इस भूमि से संबंधित जो दस्तावेज दिखाए गए थे, वे पूरी तरह से फर्जी थे। डीएम ने कहा कि प्रशासन की ओर से पूरी जांच की गई और कोई भी ऐसी बात सामने नहीं आई, जो इस भूमि को वक्फ संपत्ति साबित करती हो।

Sambhal में फर्जी दावों पर सख्त कार्रवाई, पुलिस पोस्ट निर्माण के बीच दस्तावेजों की जांच में खुलासा

इलाके की संवेदनशीलता

जामा मस्जिद के पास पुलिस पोस्ट का निर्माण एक रणनीति के तहत किया जा रहा है। यह इलाका बहुत ही संवेदनशील माना जाता है। यहाँ की गलियाँ तंग हैं और यह इलाका सुरक्षा की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में पहले कई दंगे हो चुके हैं, जिसके चलते यहाँ पर सुरक्षा की स्थिति को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है।

यह इलाका इतिहास के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ कई पुराने मंदिर, तीर्थ स्थल और कुएं हैं, जिनके बारे में दावा किया जा रहा है कि ये सभी हाल ही में किए गए खोज ऑपरेशन के दौरान मिले हैं। हिंदू पक्ष का दावा है कि जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाया गया था।

हिन्दू पक्ष का दावा

हिंदू पक्ष का कहना है कि जामा मस्जिद उसी स्थान पर बनी है, जहाँ पहले हरिहर मंदिर था। उनका यह दावा है कि यह मंदिर ऐतिहासिक रूप से एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल था और मस्जिद का निर्माण इस मंदिर को नष्ट करके किया गया। इस तरह के दावे पहले भी कई बार उठ चुके हैं और इस क्षेत्र में धार्मिक विवादों का इतिहास रहा है।

पुलिस पोस्ट के निर्माण का उद्देश्य

संभल  में पुलिस पोस्ट का निर्माण एक सुरक्षा उपाय के रूप में किया जा रहा है। इस इलाके में कई बार दंगे और सांप्रदायिक तनाव हो चुका है, जिसके कारण पुलिस प्रशासन ने इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने का निर्णय लिया। पुलिस पोस्ट का उद्देश्य न केवल अपराध नियंत्रण है, बल्कि यह क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित करना भी है।

यह पुलिस पोस्ट सुरक्षा के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इलाके के नागरिकों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया से किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में मदद मिलेगी।

प्रशासन की कार्रवाई

संभल  प्रशासन और पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से कार्यवाही की है। प्रशासन ने दस्तावेजों की जांच के बाद फर्जी दावे करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज करके जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपी का पता लगाने के लिए कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने यह भी साबित किया है कि प्रशासन किसी भी तरह के झूठे दावों को बर्दाश्त नहीं करेगा और जो भी सुरक्षा और शांति के लिए खतरा बनेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

संभल  में जामा मस्जिद के पास पुलिस पोस्ट के निर्माण को लेकर जो विवाद उठे थे, उसमें प्रशासन ने अपनी पारदर्शिता और तत्परता का परिचय दिया है। दस्तावेजों की जांच के बाद यह साबित हो गया कि पुलिस पोस्ट की भूमि वक्फ संपत्ति नहीं है और अब प्रशासन ने इस मामले में कठोर कदम उठाए हैं।

संभल  में इस तरह के फर्जी दावों के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई एक संदेश देती है कि ऐसे झूठे आरोपों को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। भविष्य में इस तरह के मामलों से बचने के लिए प्रशासन और पुलिस को और अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इस मामले ने यह भी साबित कर दिया है कि धर्म, इतिहास और भूमि से जुड़े मामलों में प्रशासन को सटीक तथ्यों के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की सामाजिक अशांति से बचा जा सके।

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