मध्य प्रदेशरीवा

माफियाओं का अजब गजब कारनामा, प्लेट लगी वाहनों का चल रहा बोलबाला

रीवा। जिले के साथ पुरे प्रदेश में न जाने कितने घर बन रहे है लेकिन खनिज माफिया भी तरह तरह की काला बाजारी करने का जुगाड़ बना ही लेते है, रीवा जिले में इस समय प्लेट लगे वाहनों की भरमार देखी जा सकती है इस तरह के वाहन का उपयोग केवल काला बाजारी के लिए वाहन स्वामी कर रहे है इस काम में नेता अधिकारी व ट्रांसपोर्ट संघ के लोग काफी सहयोग दे रहे है। वही कार्यवाही के लिए पीठ थप थापा रहे अधिकारी केवल खाना पूर्ति में ही सीमित है चाहे आर टी ओ हो या खनिज केवल मोटी रकम के भूखे है जैसे रकम मिली वैसे ही अवैध काम वैध हो जाता है।

कैसे कैसे बनवाते है घर

लोग रात दिन मेहनत कर पैसे कमाते है फिर जब घर बनवाना चालू करते है तो डकैतों की भांति यह माफिया लोगो की जेब में डकैती डाल कर अपनी तरक्की करने में जुट जाते है इन्ही का देखा सीखी और छोटे छोटे माफिया तैयार हो रहे है रीवा में जगह जगह रेत के भंडार व गिट्टी के भंडार देखने को मिल जाता है अगर कोई अनजान व्यक्ति इनके पास जाता है तो ये बड़ी बड़ी गाड़ी दिखा कर डकैती डाल देते है और बात हाइवा की कर डम्फर के बराबर रेत या गिट्टी गिरा कर चल देते हैं।

इस तरह से करते हैं धोखाधड़ी

दरअसल इन दिनों इस तरह के माफिया बाजार में सक्रिय हो गए हैं जो लोगों को चुना लगाने के लिए अब नई तरकीब से काम करते हुए अधिक मात्रा में मटेरियल दिखाकर कम मात्रा का मटेरियल उनके घर तक पहुंचाते हैं और इस कालाबाजारी को अंजाम देने के लिए माफियाओं के द्वारा अपने वाहनों में प्लेट लगाई गई है जिससे लोगों को दिखने वाला हैवी हाइवा वाहन डंपर में तब्दील हो गया है और लोग उसे हाइवा वाहन मानकर ही अपने घर का मटेरियल मंगवा रहे हैं।

रेटे में नो कंप्रोमाइज

बताया जा रहा है कि लोगों को घर बनाने के लिए जब सामग्री की जरूरत पड़ती है तो पहले वह किसी एक व्यक्ति के संपर्क में आता है जिसे सही ढंग से घर बनाने वाली सामग्री बालू और गिट्टी दिखाई जाती है जिसमें माफिया घर तक पहुंचाने का रेट भी तय कर लेते हैं इसके बाद उन लोगों के द्वारा जब सामग्री भेजने का समय आता है तो बालू और गिट्टी को प्लेट लगी वाहनों में लोड कराया जाता है जो दिखे तो ज्यादा मात्रा में मगर घर बनवाने वाले व्यक्ति तक कम मात्रा में पहुंचे और ऐसे में आम लोगों को भारी नुकसान पहुंचा कर यह माफिया अपनी काली कमाई में वृद्धि करते जा रहे हैं।

सरकारी अफसरों की सांठ गांठ का खेल

आपको बता दें आरटीओ और खनिज विभाग की टीम के द्वारा भी इन माफियाओं से अच्छी खासी सेटिंग की जाती है जिसके कारण इन वाहन मालिकों पर प्रशासन की मेहरबानी बनी रहती है और बिना किसी रोक टोक के ही यह माफिया अपने काम में मशगूल रहते हैं।

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