मध्य प्रदेश

Simhastha 2028: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा – इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार का पूरा प्रयास

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक विशेष बातचीत में कहा कि सिंहस्थ 2028 को ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में 25 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसे देखते हुए सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। सिंहस्थ को भव्य और सफल बनाने के लिए इस वर्ष 2000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

सिंहस्थ 2028 के लिए हो रही ऐतिहासिक तैयारियां

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि सिंहस्थ 2028 को ऐतिहासिक बनाने के लिए राज्य सरकार पहले से ही योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि सिंहस्थ 2028 न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भव्य हो, बल्कि इसकी व्यवस्थाएं भी ऐतिहासिक हों। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए हर स्तर पर तैयारी की जा रही है।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि सिंहस्थ 2028 के लिए अभी से बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। सड़कें, बिजली, पानी, सुरक्षा और यातायात की सुविधाओं को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सरकार ने इस वर्ष 2000 करोड़ रुपये का बजट सिंहस्थ की तैयारियों के लिए आवंटित किया है।

25 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना

सिंहस्थ 2028 में कितने श्रद्धालु आने की उम्मीद है, इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “कम से कम 25 करोड़ श्रद्धालुओं के उज्जैन आने की संभावना है।”

उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर के आयोजन के लिए व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है। श्रद्धालुओं को स्नान, दर्शन, आवास, परिवहन और चिकित्सा सुविधाओं में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सरकार हर संभव तैयारी कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन में सिंहस्थ कुंभ के दौरान शिप्रा नदी के जल को पवित्र और निर्मल बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं के लिए साफ और सुरक्षित जल उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है।

Simhastha 2028: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा – इसे ऐतिहासिक बनाने के लिए सरकार का पूरा प्रयास

संत समाज को दिया शिप्रा जल में स्नान का वादा

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संत समाज को आश्वासन दिया है कि सिंहस्थ 2028 में स्नान केवल शिप्रा नदी के जल से ही कराया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि शिप्रा नदी में नर्मदा-शिप्रा लिंक योजना के तहत पर्व और आयोजनों के दौरान नर्मदा का पानी छोड़ा जाता है। इस बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, “हम शिप्रा नदी में अमृत स्नान की परंपरा को जीवित रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ कुंभ में संतों और महात्माओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उनके लिए विशेष आश्रम, पंडाल और सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार संत समाज की भावनाओं के अनुरूप सिंहस्थ को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

सिंहस्थ को लेकर सरकार का वादा – भव्य और ऐतिहासिक होगा आयोजन

हालांकि सिंहस्थ का आयोजन 2028 में होना है, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “हम चाहते हैं कि सिंहस्थ 2028 इतना भव्य और ऐतिहासिक हो कि आने वाले वर्षों तक लोग इसकी याद रखें।”

उन्होंने कहा कि सरकार इस आयोजन को पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भी विशेष बनाने पर जोर दे रही है। शिप्रा नदी की स्वच्छता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे।

सिंहस्थ 2028 को ऐतिहासिक और भव्य बनाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। 25 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए सुरक्षा, आवास, परिवहन और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर अभी से व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने संत समाज को भरोसा दिलाया है कि सिंहस्थ में शिप्रा नदी का जल ही प्रयुक्त होगा, जिससे आयोजन की पवित्रता बनी रहेगी। सरकार का दावा है कि सिंहस्थ 2028 एक ऐतिहासिक और अविस्मरणीय आयोजन होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Discover more from Media Auditor

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue Reading

%d