संभल हिंसा के पीछे शरिक सठा का हाथ, दाऊद गैंग से संबंध और आतंकवादी गतिविधियों का खुलासा

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के एक महीने बाद पुलिस ने 50 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पुलिस हिंसा की जांच आतंकी एंगल से भी कर रही है, क्योंकि हिंसा के मामले में मिले खुफिया इनपुट्स से हड़कंप मच गया है। खुफिया जानकारी से यह संभावना जताई जा रही है कि इस हिंसा को आतंकी गतिविधियों से जोड़ा जा सकता है। एसआईटी का मानना है कि संभल के दीप सराय और नकासा में रह रहे आईएसआई और अल कायदा के लोगों ने इस दंगे के लिए हथियारों की आपूर्ति और फंडिंग की थी। इस हिंसा में शारीक सठा का नाम सामने आया है, जो दाऊद इब्राहीम के गैंग का सदस्य है।
शारीक सठा पर खुफिया विभाग की नजर
संभल के शारीक सठा पर खुफिया विभाग की पहली शंका है। पुलिस के अनुसार, शारीक सठा पर विभिन्न राज्यों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं और वह कुछ साल पहले दुबई भाग गया था। पुलिस का मानना है कि शारीक ने नवंबर 24 को हुई संभल हिंसा के दौरान हथियारों की आपूर्ति के साथ फंडिंग भी की थी, जिसके बाद उसके गुर्गों ने इस घटना को अंजाम दिया। खुफिया विभाग के सूत्रों के मुताबिक, शारीक सठा का संबंध दाऊद इब्राहीम के गैंग से है, और वह आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहा है।
हथियारों और फंडिंग का कनेक्शन
सूत्रों के अनुसार, शारीक सठा ने संभल हिंसा में इस्तेमाल होने वाले हथियारों और पैसे की आपूर्ति की थी। पुलिस का यह भी मानना है कि इस हिंसा में कुछ अन्य आतंकवादी तत्व भी शामिल हो सकते हैं, जिनका कनेक्शन संभल से है। इन आतंकवादियों में शाहिद अख्तर और उस्मान हुसैन दो महत्वपूर्ण नाम सामने आए हैं। इन दोनों को पुलिस शारीक सठा के करीबी मानती है और जांच जारी है कि इन लोगों ने हिंसा में किस प्रकार की भूमिका निभाई।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी
पुलिस ने इस मामले में अब तक 50 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें शारीक सठा का करीबी सहयोगी भी शामिल है। पुलिस ने हिंसा के सभी पहलुओं की गहनता से जांच शुरू की है और आतंकवादी कनेक्शन के कारण जांच को और तेज कर दिया है। एसआईटी और खुफिया विभाग की टीमें इस मामले में और अधिक जानकारी जुटाने में जुटी हुई हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही शारीक सठा और उसके गुर्गों को पकड़ा जाएगा और पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा।
समाजवादी पार्टी का संभल दौरा
इस बीच संभल में फिर से हलचल मचने वाली है, क्योंकि एक तरफ जहां लगातार खुदाई में संरचनाएं मिल रही हैं, वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल आज संभल पहुंचने वाला है। अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी के सांसद और विधायक आज संभल के हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने के लिए पहुंचेगे।
समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल
समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल आज संभल पहुंचेगा, जिसमें सांसद हरेंद्र मलिक, रुचि वीरा, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बारक और नीरज मौर्य शामिल होंगे। इसके अलावा विधायक इकबाल महमूद, पिंकी यादव और कमाल अख्तर भी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। खास बात यह है कि संभल के सांसद जियाउर्रहमान बारक हिंसा के बाद पहली बार संभल पहुंच रहे हैं।
पुलिस द्वारा प्रतिनिधिमंडल को रोका गया था
इससे पहले समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल संभल जाने की कोशिश कर चुका था, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका था। अब फिर से समाजवादी पार्टी के सांसद और विधायक संभल जा रहे हैं, जिससे एक बार फिर संभल में राजनीतिक हलचल बढ़ने की संभावना है। पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से इस दौरे को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं।
संभल हिंसा का कारण और सांप्रदायिक सौहार्द का संकट
संभल हिंसा के पीछे के कारणों को लेकर कई तरह की कयास लगाए जा रहे हैं। कुछ सूत्रों के अनुसार, यह हिंसा सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश के तहत की गई थी। पुलिस और खुफिया विभाग इस हिंसा के पीछे के असली कारणों का पता लगाने के लिए जांच में जुटे हुए हैं। इस हिंसा ने संभल में लंबे समय से चले आ रहे साम्प्रदायिक सौहार्द को भी खतरे में डाल दिया है। पुलिस का कहना है कि वे हर हाल में इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे और हिंसा के दोषियों को सजा दिलवाएंगे।
आतंकी गतिविधियों से जुड़ी संभावना
संभल हिंसा की जांच में आतंकवादियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। खुफिया विभाग और एसआईटी की जांच से यह संकेत मिल रहे हैं कि इस हिंसा को आतंकी संगठनों के समर्थन और वित्तीय सहायता से अंजाम दिया गया। पुलिस को उम्मीद है कि जांच के बाद इस साजिश का पर्दाफाश हो जाएगा और जो भी इस हिंसा में शामिल हैं, उन्हें कड़ी सजा मिलेगी।
संभल हिंसा का मामला अब गंभीर मोड़ पर पहुंच चुका है। पुलिस और खुफिया विभाग इस घटना की जांच आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ी हुई मानकर कर रहे हैं। शारीक सठा का नाम सामने आने के बाद से यह मामला और भी जटिल हो गया है। समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल आज संभल पहुंचकर मारे गए लोगों के परिवारों से मिलने वाला है, जिससे एक बार फिर संभल में राजनीतिक और सामाजिक हलचल तेज हो सकती है। पुलिस इस मामले में कड़ी कार्रवाई के साथ जांच जारी रखे हुए है, ताकि इस हिंसा के असली दोषियों को पकड़कर सजा दिलवाई जा सके।