सौरभ शर्मा केस: फर्जी शपथपत्र के जरिए पाई सरकारी नौकरी, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

मध्यप्रदेश ट्रांसपोर्ट विभाग के एक पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ नौकरी के लिए फर्जी बयान देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शनिवार (22 मार्च) को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, सौरभ शर्मा को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था, जब उनके घर से करोड़ों रुपये की नकदी बरामद हुई थी।
सौरभ शर्मा का नाम पहली बार तब उछला जब…
सौरभ शर्मा पिछले साल सुर्खियों में आए थे, जब लोकायुक्त और आयकर विभाग ने उनके घर से करोड़ों रुपये की नकदी बरामद की थी। पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने बताया कि यह कार्रवाई ट्रांसपोर्ट विभाग की शिकायत के बाद की गई थी।
सौरभ शर्मा और उनकी मां ने किए झूठे बयान
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सौरभ शर्मा और उनकी मां उमा शर्मा ने 2015 में सौरभ के पिता की मृत्यु के बाद सहानुभूति के आधार पर विभाग में नौकरी प्राप्त करने के लिए जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें झूठे बयान दिए थे। सौरभ के पिता एक सरकारी डॉक्टर थे।
सौरभ ने हलफनामे में दावा किया था कि उनके परिवार के किसी सदस्य की सरकारी नौकरी नहीं है, जबकि उन्होंने यह तथ्य छिपा लिया था कि सौरभ के बड़े भाई छत्तीसगढ़ सरकार में कार्यरत थे। इसके बाद सौरभ और उनकी मां के खिलाफ सियोल पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और शपथपत्र में झूठा बयान देने का मामला दर्ज किया गया।
पुलिस कार्रवाई में करोड़ों की संपत्ति की बरामदगी
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, दिसंबर पिछले साल लोकायुक्त पुलिस ने सौरभ से संबंधित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की थी और लगभग आठ करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इस संपत्ति में 2.87 करोड़ रुपये की नकदी और बहुमूल्य धातुएं शामिल थीं। इसके अलावा, आयकर विभाग ने भोपाल के बाहरी इलाके में एक कार से 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी और 50 किलो से अधिक सोने की छापेमारी की थी।
सौरभ शर्मा के मामले से जुड़ा प्रवर्तन निदेशालय (ED) का कदम
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सौरभ शर्मा के मामले से जुड़ी कार्रवाई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी आरोपी के ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई सौरभ शर्मा के अवैध संपत्ति के मामले में और भी गहरी जांच का हिस्सा मानी जा रही है।
सौरभ के खिलाफ एक बड़ा वित्तीय घोटाला
सौरभ शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने अपनी नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज और झूठे बयान दिए। इसके बाद, उन्होंने कथित रूप से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया और अवैध संपत्ति जमा की। लोकायुक्त और आयकर विभाग की टीम इस मामले की गहरी छानबीन कर रही है और उम्मीद है कि इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी और उसके बाद की छापेमारी से यह साफ हो गया है कि वह अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित कर रहे थे। आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने इस मामले में कई और ठिकानों पर भी छापेमारी की है।
क्या सौरभ शर्मा की गिरफ़्तारी से और भी घोटाले खुलेंगे?
सौरभ शर्मा की गिरफ्तारी और उसके बाद की कार्रवाई ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। लोकायुक्त और आयकर विभाग की टीमें अब उनके अवैध संपत्ति के स्त्रोत की जांच कर रही हैं। इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं।
फर्जी बयान देकर नौकरी पाने की कोशिश पर बड़ा शिकंजा
सौरभ शर्मा और उनकी मां के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद यह साफ हो गया है कि उन्होंने सहानुभूति के आधार पर नौकरी पाने के लिए झूठे बयान दिए थे। यह मामला एक बड़े फर्जीवाड़े का हिस्सा बन चुका है और पुलिस अब इस मामले की तह तक जाने का प्रयास कर रही है।